प्रादेशिक
राहुल को सत्तू और सूप का फर्क नहीं पता : नकवी
भोपाल | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले और संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रादेशिक मीडिया कार्यशाला में रविवार को कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी किसानों का मसीहा बनने की कोशिश कर रहे हैं, मगर उन्हें सत्तू और सूप का फर्क तक पता नहीं है। नकवी ने यहां मीडिया कार्यशाला में बिहार के किसान कांग्रेस कार्यकर्ता की आपबीती बताते हुए कहा कि किसानों के मसीहा बनने वाले राहुल गांधी का ढोंग किसानों की समझ में आ गया है। जब बिहार के किसान कार्यकर्ता ने राहुल से मिलकर उन्हें सत्तू भेंट किया तो राहुल ने उससे पूछ डाला कि सत्तू का सूप बनता है क्या?
उन्होंने आगे कहा कि आजादी के 65 वर्षो तक कांग्रेस ने किसानों को हाशिये पर डालकर रखा, आज सैनिकों के खैरख्वाह बन रहे हैं, जबकि उनके कार्यकाल में पूवरेत्तर में चीनी आक्रमण के समय फौज के पास न तो ड्रेस थी, न ही ठंड से बचने का साजो-सामान और न ही असलाह-बारूद था। आज एक रैंक एक पेंशन की बात करते हैं, पैंसठ सालों तक क्यों नहीं की? सत्ता से बेदखल कर दिए गए तो किसान-जवान याद आने लगे। नकवी ने कहा कि आज किसान-जवान जो समस्याएं भुगत रहे हैं, वह कांग्रेस की अदूरदर्शिता की देन है। सत्ता में रहते कांग्रेस ने उपेक्षा की और सत्ता के मद में मस्त रही। अब किसान, जवान की चिंता की नौटंकी करके कांग्रेसी उनके जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं।
पिछले एक वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही केंद्र सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए नकवी ने मीडिया के प्रतिनिधियों से कहा कि भारत का दुनिया में सम्मान बढ़ा है। विश्व में विश्वास का सिलसिला शुरू हुआ है, जिससे भारत के बारे में सकारात्मक बदलाव दुनिया के देशों में आया है। हम गर्व के साथ इस तथ्य को जन-जन तक पहुंचाएं, जिससे आम भारतीय का मस्तक गर्व से ऊंचा हो सके। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षो में जहां भारत की रेटिंग घट गई थी, निवेश बंद हो चुका था, प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका, चीन, जापान जैसे औद्योगिक क्षितिज पर पहुंचे देशों में जाकर मेक इन इंडिया की गर्जना की और उन देशों को भारत में आने का निमंत्रण दिया। इससे विश्व में संदेश गया कि भारत में विकास की एक अभिनव क्रांति आई है। नकवी ने आगे कहा कि कांग्रेस अपनी हीनग्रंथि के कारण इन उपलब्धियों को पचा नहीं पा रही है।
नकवी ने कहा कि सामंती मानसिकता और लूट की लाबी का जो दिल्ली में गठजोड़ बना है, वह तरह-तरह की अफवाहें फैलाकर गुमराह करना चाहती है, लेकिन हमें जन-जन को जमीनी वास्तविकता से अवगत कराना है। संपर्क, संवाद और समन्वय की जिम्मेदारी पार्टी के मीडिया कर्मियों को निर्वाह करना है। मीडिया का समाज पर तत्काल और स्थायी असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव में जनता के बीच गए थे, उन पर हमनें पहल की है। भ्रष्टाचार, घोटाले और लूट पर अंकुश लगाया है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ ही लूट पर्व आरंभ कर दिया था, लेकिन मोदी सरकार के आते ही सत्ता के गलियारों से दलालों की दुकानें बंद हो चुकी हैं। राजनेताओं और नौकरशाहों के बीच जो लोग दलाली करते थे, उनका लाइजनिंग बिजनेस तालाबंदी का शिकार हो चुका है।
उन्होंने कहा, “हमनें घरेलू और वैदेशिक मोर्चा पर नाकामियों के निशान मिटा दिए हैं, दुनिया की प्रभावी मैग्जीन ‘टाइम’ और ‘इकानोमिक्स’ ने मोदी सरकार के बारे में जो टिप्पणियां लिखी हैं, उनमें बताया गया है कि भारत विश्व की सबसे सशक्त अर्थव्यवस्था होगी और 2016 में दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अग्रणी बनेगी। देश की साख व पहचान दुनिया में बदल चुकी है।” प्रादेशिक मीडिया कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, हमें इसके प्रति सदैव संवेदनशील रहना है। मीडिया के मिजाज को समझते हुए मीडियाकर्मी अपने आचार-व्यवहार को संवेदनशील बनाएं और सजगता के साथ कार्य करें।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने विदेशों से कालाधन लाने के लिए कठोर कानून लाकर चुनावी घोषणा को पूर्ण किया है। हमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार की उपलब्धियों को तथा पार्टी के वैचारिक दर्शन को जनकल्याण पर्व और महासंपर्क अभियान के दौरान जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि 26 मई से 30 मई तक जनकल्याण पर्व प्रदेश में आयोजित किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, सुरेश प्रभु, नरेंद्रसिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेश के पदाधिकारी सभाओं, रैलियों में भाग लेंगे और प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी। इन अवसरों को उपलब्धियों में बदलना मीडिया कर्मियों की जिम्मेदारी होगी। मीडिया कार्याशाला में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अलावा पंचायत विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने भी अपनी बात रखी।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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