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नेशनल

राहुल गांधी पर फेंका पत्थर तो मोदी पर किया करारा हमला

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, गुजरात, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस, आरएसएस, भाजपा

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गुजरात में सड़कों पर कांग्रेस, अखिलेश बोले- यूपी में बंदूकबाज, गुजरात में पत्थरबाज

अहमदाबाद/नई दिल्ली। गुजरात के बाढ़ग्रस्त इलाके का जायजा लेने गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर पथराव के बाद राज्य की सियासत भड़क उठी है। नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता राज्य भर की सड़कों पर उतर आए हैं। अहमदाबाद समेत कई जगहों पर कांग्रेस वर्करों ने शनिवार को जमकर प्रदर्शन किया।

उधर, विरोध प्रदर्शनों को पार्टी ने आरएसएस और भाजपा की साजिश बताया है। राहुल गांधी ने हमले के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, भाजपा ने राहुल गांधी को ही घेरते हुए पूछ लिया है कि उन्होंने दौरे पर बुलेटप्रूफ गाड़ी में जाने से इनकार क्यों किया था ? भाजपा के सियासी भूचाल से नींद गंवा चुके यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव भी राहुल गांधी के समर्थन में कूद पड़े हैं।

राहुल गांधी ने पथराव की घटना के पीछे भाजपा का हाथ बताते हुए शनिवार को कहा ‘कल की घटना में भाजपा के कार्यकर्ता ने मेरी ओर इतना बड़ा पत्थर फेंका, जो मेरे गार्ड को जाकर लग गया। मोदी जी और बीजेपी-आरएसएस का राजनीति का यही तरीका है, क्या कह
सकते हैं?’

मामले पर पीएम मोदी के प्रतिक्रिया न देने पर राहुल ने कहा, ‘जिसने यह काम किया है, वह खुद ही इसकी निंदा कैसे कर सकता है?’

बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पथराव की घटना को लेकर कई ट्वीट किए थे। उन्होंने लिखा था, ‘नरेंद्र मोदी जी के नारों से, काले झंडों और पत्थरों से हम पीछे हटने वाले नहीं हैं, हम अपनी पूरी ताकत लोगों की मदद करने में लगाएंगे।

बता दें कि कांग्रेस ने भाजपा को इस मुद्दे पर घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। पार्टी के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को कहा, ‘यह पूर्व नियोजित साजिश है। यह भाजपा, आरएसएस द्वारा जानलेवा हमला है।’

उन्होंने कहा कि भाजपा का शुरुआत से यही रवैया रहा है। उन्होंने कहा, ‘1947 से अभी तक भाजपा यही करती रही है। गोडसे से लेकर अब तक ऐसा ही होता रहा है।’

वहीं,  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘यूपी में बंदूकबाज तो गुजरात में पत्थरबाज हैं।’ तीन पार्टी एमएलसी के भाजपा में चले जाने पर अखिलेश ने कहा, ‘आम तोड़ने का सीजन चला गया तो भाजपा वाले हमारे एमएलसी तोड़ रहे हैं।’

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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