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बिजनेस

रियल एस्टेट विधेयक में बदलाव सभी के लिए मददगार

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जेएलएल इंडिया, सीबीआरई, नरेंद्र मोदी, रियल एस्टेट नियमन एवं विकास विधेयक

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नई दिल्ली| मंत्रिमंडल द्वारा रियल एस्टेट विधेयक में जिन बदलावों को मंजूरी दी गई है, उससे संपत्ति खरीदारों के हितों की हिफाजत तो होगी ही, इसके कुछ प्रावधान रियल एस्टेट कारोबारियों के लिए भी मददगार साबित होंगे। विशेषज्ञों ने बुधवार को यह बात कही। रियल एस्टेट नियमन एवं विकास विधेयक, 2013 में किए गए कुछ बदलावों में व्यावसायिक रियल एस्टेट को इसके दायरे में लाने, और किसी तटस्थ खाते में रखी जाने वाली अग्रिम राशि के लिए न्यूनतम राशि को घटाने जैसे प्रावधान शामिल हैं। एक अन्य जो बात शामिल की गई है, उसके तहत दलालों और बिचौलियों को प्रस्तावित विधेयक के दायरे में लाया गया है, और वाचडाग व विवाद निपटान न्यायाधिकरण के आदेशों का पालन न करने पर उन्हें दंड देने का प्रावधान है।

रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी, जेएलएल इंडिया के अध्यक्ष, अनुज पुरी ने कहा, “किसी परियोजना के तटस्थ खाते में अनिवार्य न्यूनतम जमा राशि की सीमा 70 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है। खरीदारों से जुटाई गई यह धनराशि किसी तटस्थ खाते में 15 दिनों के भीतर जमा करनी होगी।” पुरी ने कहा, “यह प्रावधान डेवलपर्स को किसी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण करने या अन्य परियोजना में, इस जुटाई गई धनराशि का उपयोग करने की सुविधा देगा और उनके भूखंड एवं परियोजना पोर्टफोलियो के विस्तार की सुविधा देकर भी उनकी एक तरह से मदद करेगा।” शेयर बाजार से भी विधेयक में किए गए बदलावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है।

एक अन्य रियल एस्टेट सेवा कंपनी, सीबीआरई के दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक, अंशुमान मैगजीन के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बदलावों को दी गई स्वीकृति एक स्वागत योग्य कदम है और इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में अतिरिक्त निवेश आएगा। मैगजीन ने कहा, “यद्यपि बदलावों के अंतिम रूप को देखना अभी बाकी है, लेकिन मुझे आशा है कि विधेयक काफी संतुलित है और इससे डेवलपर्स नई परियोजनाएं शुरू करने से नहीं हिचकेंगे और साथ ही इस क्षेत्र में नए लोग प्रतिस्पर्धा के लिए आएंगे और उत्पाद व सेवा की गुणवत्ता में अतिरिक्त सुधार होगा।”

प्रस्तावित बदलावों ने विधेयक द्वारा दिए गए उस अधिकार को भी हल्का कर दिया है, जिसके तहत नए प्रस्तावित विधेयक के अधीन गठित होने वाले नियामक और एजेंसियां उपभोक्ताओं की शिकायतें दूर करने की एकमात्र तंत्र नहीं होंगी, और उपभोक्ता फोरमों में याचिकाएं दायर करने की छूट होगी। पुरी ने कहा, “यह ठीक कहा गया है कि इस तरह के किसी रुख से इस नियामकीय संस्था पर लंबित मामलों के संदर्भ में दबाव बन सकता है, यद्यपि इससे निश्चितरूप से कानूनी मामलों की संख्या घट सकती है।”

विशेषज्ञों ने कहा कि विधेयक के बदलाव, परियोजना के शेयरधारकों, जिन्हें पूर्णता प्रमाण पत्र मिलना बाकी है, पर भी जिम्मेदारियां डालते हैं। उन्हें प्रस्तावित नए कानून के दायरे में लाते हैं। यह नया प्रावधान खरीदारों और निवेशकों को एक दायरे में लाने का अवसर प्रदान करेगा।

बिजनेस

जियो-बीपी ने लॉन्च किया 500वां ईवी-चार्जिंग स्टेशन, चार्जिंग पॉइंट्स हुए 5 हजार

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मुंबई। अनंत अंबानी और मरे औचिनक्लॉस ने मुंबई के बीकेसी स्थित जियो वर्ल्ड सेंटर (जेडब्ल्यूसी) में जियो-बीपी पल्स के 500वें ईवी-चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। इसके साथ ही भारत में जियो-बीपी चार्जिंग पॉइंट बढ़कर 5,000 हो गए। रिलायंस और बीपी के बीच फ्यूल और मोबिलिटी के लिए संयुक्त उद्यम है जियो-बीपी। ईवी-चार्जिंग स्टेशन के चालू होने से मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र, जियो वर्ल्ड प्लाजा और जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में मेहमानों के लिए अपने इलेक्ट्रक व्हीकल की चार्जिंग अब आसान हो जाएगी।

लॉन्च के मौके पर अनंत अंबानी ने कहा “भारत में ईवी अपनाने में तेजी लाने में जियो-बीपी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। फास्ट-चार्जिंग स्टेशनों के सबसे बड़े नेटवर्क शेयर, ईवी-चार्जिंग इंफ्रा में सबसे तेज वृद्धि और उच्चतम विश्वसनीयता के साथ, जियो-बीपी लाखों भारतीयों को डिजिटल चार्जिंग सॉल्युशन दे रहा है”

जियो-बीपी ने ईवी-चार्जिंग पॉइंट्स की तादाद मात्र एक साल में 1,300 से बढ़कर 5,000 हो गई है। इनमें से 95 फीसदी ईवी-चार्जिंग पॉइंट्स फास्ट-चार्जिंग कर सकते हैं। जियो-बीपी पहली कंपनी है जिसने टॉप-रेटेड 480 किलोवाट चार्जर लगाए हैं। मॉल, सार्वजनिक पार्किंग, कॉर्पोरेट पार्क, होटल और वेसाइड सुविधाओं जैसे स्थानों पर ये चार्जिंग पॉइंट्स त्वरित चार्जिंग कर रहे हैं। एक तरह से चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से बढ़ाकर जियो-बीपी इलेक्ट्रिक वाहनों को भी बढ़ावा दे रही है।

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