मुख्य समाचार
रियो ओलम्पिक परेड में महिला एथलीटों की भूमिका रही दमदार
रियो डी जेनेरियो| रियो ओलम्पिक उद्घाटन समारोह में प्रतिभागी देशों की परेड में महिला एथलीटों की छवि में अलग ही जोश और निखार नजर आया। कई देशों के दल की परेड में जहां एक ओर महिला एथलीट को अपने राष्ट्रध्वज के साथ अगुवाई करते हुए देखा गया, तो कहीं किसी टीम में अधिकतर एथलीट महिलाएं नजर आई।
इसमें अपने देश ईरान के दल का नेतृत्व करती नजर आईं व्हीलचेयर आश्रित निशानेबाज जेहरा नेमाती, जो अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता (लंदन 2012 पैरालम्पिक खेल) में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली ईरानी महिला हैं। उन्होंने इसके साथ ही 2016 ओलम्पिक और पैरालम्पिक खेलों में क्वालीफाई कर एक नया इतिहास रचा है।
ईरान की 31 वर्षीया नेमाती 2003 में आए भूकंप में घायल हो अपनी टांगे गवांने से पहले ताइक्वांडो खेलती थीं और इसमें उन्होंने ‘ब्लैक बेल्ट’ भी हासिल की। हालांकि, अपंग होने के बाद भी खुद को कमजोर न करते हुए वह निशानेबाजी में पारंगत हुईं और आलम यह है कि रियो ओलम्पिक और पैरालम्पिक खेलों में क्वालीफाई कर उन्होंने इतिहास रचा है।
नेमाती के साथ-साथ ओलम्पिक खेलों में हिस्सा लेने वाली 10 सदस्यी शरणार्थी दल अपने आप में लोगों के लिए एक प्रेरणास्रोत है। इस दल के हर सदस्य एथलीट की कहानी लोगों को हर प्रकार से प्रेरित करती है। इस दल की ध्वजवाहक एथलीट रोसे नाथिके लोकोनयेन 2002 में दक्षिण सूडान से अपने परिवार के साथ केन्या के काकुमा शरणार्थी शिविर आई थीं और वहीं उन्होंने नंगे पांव प्रशिक्षण लिया।
इस शरणार्थी दल में दक्षिण सूडान के पांच धावक, सीरिया के दो तैराक, कोंगो गणराज्य के दो जूडो एथलीट और इथियोपिया का एक मैराथन धावक शामिल है। इस दल में सीरिया की 18 वर्षीया यूसरा मार्दिनी भी शामिल है, जिसने 20 साथी शरणार्थियों को डूबने से बचाया था, जब उनकी नाव तुर्की और ग्रीस के बीच अचानक डूबनी शुरू हो गई।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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