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मुख्य समाचार

रिश्तों की चाशनी से राजनीति में डायबिटीज

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अपने देश में शादियों में वर पक्ष के नखरे किसी से छिपे नहीं हैं। शादी के बाद भी बात-बात पर वर पक्ष का नाक-भौं सिकोड़ना कोई बड़ी नई बात नहीं है। ऐसा ही नजारा अब कुछ यादवी राजनीति में नजर आ रहा है। अभी ज्यादा महीने नहीं हुए जब सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने राजनीति की दशकों की कटुता को रिश्तेदारी की मिठास में बदल लिया था। जरिया बनी थी, मुलायम के पौत्र व मैनपुरी के सांसद तेज प्रताप यादव और लालू की बेटी राजलक्ष्मी की शादी। लेकिन कुछ महीने बीतते-बीतते सारी मिठास कड़वाहट में तब्दील हो गई। अब चूंकि मुलायम लड़के वाले हैं तो उन्होंने आव देखा ने ताव, एक झटके में बिहार चुनाव से ऐन पहले महागठबंधन से किनारा कर लिया। रिश्तों में घुली चाशनी से डायबिटीज के लक्षण दिखाई देने लगे। हालात इतनी तेजी से खराब हुए कि महागठबंधन के जो दल भाजपा का धूल चटाने का दम दिखा रहे थे, वह अपने ही घर की मरम्मत में जुटने के लिए मजबूर हो गए हैं।

महागठबंधन से संबंध विच्छेद करते वक्त सपा ने साफ कहा कि इस गठबंधन में पार्टी के विलय का निर्णय ‘डेथ वारन्ट’ पर दस्तखत करने जैसा होता। बिहार चुनाव में सीटों के बंटवारे में अनदेखी से नाराज सपा ने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को तगड़ा झटका देते हुए कहा कि पार्टी बिहार में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। सपा ने नीतीश-लालू पर पार्टी को अपमानित करने का भी आरोप लगाया। कहा कि सपा को दो या पांच सीटे देकर जनता परिवार ने पार्टी का अपमान किया है। हमें टीवी और मीडिया के जरिये सीटों के बंटवारे की जानकारी मिली। यह सपा के लिए बेहद अपमानजनक था। अब बिहार में सपा अब अकेले ही चुनाव लड़ेगी। कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना है, यह पार्टी की बिहार इकाई तय करेगी।

कुल मिलाकर सारा घटनाक्रम इस बात का गवाह है कि राजनीतिक आकांक्षाओं के सामने दो यादव क्षत्रपों के बीच रिश्तेदारी का कोई महत्व नहीं है। हालांकि यह भी सच है कि लालू और मुलायम के राजनीतिक मतभेदों की खबरें कभी भी नई बात नहीं हैं। पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा के नेतृत्व वाली तीसरे मोर्चे की सरकार के वक्त भी दोनों नेताओं का रुख अलग था। कहा जाता है कि इंद्र कुमार गुजराल की ताजपोशी से पहले मुलायम का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय हो चुका था लेकिन तब लालू और शरद यादव ने उस प्रयास में टंगड़ी मार दी थी। तब भी मुलायम और लालू के बीच खासी कड़वाहट पैदा हो गई थी।

वैसे महागठबंधन टूटने का एक अहम कारण नीतीश-लालू द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सरपरस्ती स्वीकार करना भी बताया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक, पटना रैली में सोनिया को बुलाए जाने के कारण ही मुलायम सिंह ने उसमें शिरकत नहीं की थी। उन्होंने अपनी जगह शिवपाल यादव को भेजा था। दबी जुबान में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि नोएडा के यादव सिंह यादव मामले की सीबीआई जांच को लेकर केंद्र सरकार से एक डील के तहत सपा ने यह कदम उठाया। फिलहाल सपा ऐसी सभी अटकलों को बेबुनियाद बताती है। पार्टी का साफ कहना है कि हमें यादव सिंह की जांच से क्या डर है? यादव सिंह की जांच हो, दूसरे लोगों की भी हो।

वजह चाहे जो भी हो लेकिन सपा अपना निर्णय सुना चुकी है। फिलहाल लालू यादव और शरद यादव महागठबंधन में शामिल रहने के लिए मुलायम के मान-मनौव्वल की कोशिशों में जुटे हैं। अब वे कह रहे हैं, ‘वे (मुलायम) हमारे अभिभावक हैं। उनपर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी है (कि गठबंधन बना रहे)। साम्प्रदायिकता देश के लिए खतरा है। सभी इसे समाप्त करना चाहते हैं। हमने नेताजी से इस पर पुन:विचार करने को कहा है, बिहार में ताकि एक समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष सरकार बन सके।’ मुलायम के समधी लालू ने सपा प्रमुख के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों का भी हवाला देते हुए कहा कि उनके पास सारे अधिकार हैं। उनकी यह कोशिश कितनी सफल होगी, यह तो कोई नहीं जानता लेकिन इस अलगाव से सबसे ज्यादा ठंडक भाजपा को पड़ी है।

उत्तर प्रदेश

ग्रेटर नोएडा में 25 हजार रोजगार के सृजन का माध्यम बनेगी ‘इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप’

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश को ‘वन ट्रिलियन डॉलर’ की इकॉनमी बनाने की दिशा में संकल्पित व प्रयासरत योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा में बन रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के वृहद विकास के लिए बड़ा रोडमैप तैयार किया है। सीएम योगी के विजन अनुसार, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप को 6,807 करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश को लक्षित करने के माध्यम के तौर पर विकसित किया जाएगा जिसके जरिए इस क्षेत्र में 25 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा के परी चौक से 11 किलोमीटर की दूरी पर अजायबपुर रेलवे स्टेशन के करीब इस टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। यह क्षेत्र नोएडा मुख्य शहर से भी मात्र 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कुल 747.50 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के हो रहे विकास में से 332.52 एकड़ क्षेत्र में इंडस्ट्रियल, 72.86 एकड़ में ग्रुप हाउसिंग व ईडब्ल्यूएस रेजिडेंशियल तथा 38.15 एकड़ में कमर्शियल लैंड यूज की गतिविधियां संचालित होंगी। वहीं, 300.97 एकड़ एरिया का एरिया विकास सेक्टर व साइट लेआउट प्लान रोड्स, साइकिल ट्रैक, एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग्स व हरित क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

मोबाइल कॉम्पोनेंट्स व इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के हब के तौर पर बन रही पहचान

ग्रेटर नोएडा में विकासशील इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप दरअसल, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के लिहाज से एक प्रमुख परियोजना है, जिसे विश्व स्तरीय मानकों के साथ डिजाइन किया गया है। नए जमाने की कार्कायशैली के अनुसार यहां कार्यक्षमता व सौंदर्य के बीच संतुलन बनाया गया है। वैसे, परियोजना के अंतर्गत इंडस्ट्रियल पॉकेट रीजन में पहले से ही कई बड़े प्लांट्स संचालित हैं। इसके जरिए हजारों लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं तथा यह क्षेत्र मोबाइल कॉम्पोनेंट्स व इलेक्टॉनिक आइटम्स के निर्माण क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन से भी है और अजायबपुर व दादरी रेलवे स्टेशंस क्लोज प्रॉग्जेमिटी पर स्थित हैं, इसी कारण से इस क्षेत्र को भविष्य के बड़े इंडस्ट्रियल हब के विजन के साथ विकसित किया जा रहा है।

कई सेक्टर्स के प्रोडक्ट्स का हो सकेगा उत्पादन

मोबाइल कॉम्पोनेंट्स व इलेक्टॉनिक आइटम्स के निर्माण का कार्य तो इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में शुरू हो ही चुका है, इसके अतिरिक्त अन्य कई सेक्टर्स की भी निर्माण इकाइयों की संथापना व संचालन की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि मोबाइल, पीसीबी, एसी, टीवी, वॉशिंग मशीन व एलईडी कॉम्पोनेंट्स जैसे मैनुफैक्चरिंग सेक्टर्स की निर्माण इकाइयां यहां पहले से ही बड़े स्केल पर प्रोडक्शन कर रही हैं। वहीं, अब इस क्षेत्र में इंडस्ट्रियल मशीनरी, कॉस्मेटिक्स, हेल्थकेयर, आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स, पीवीसी पाइप्स, फिटिंग्स, पाउडर व लिक्विड पेंट्स, इलेक्ट्रिक वायर तथा कॉपर ट्यूब्स व पाइप्स की निर्माण इकाइयों की स्थापना व संचालन की प्रक्रिया के लिए लीज डीड प्रॉसेस को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

तेजी से बढ़ रही है निर्माण व विकास प्रक्रिया

सीएम योगी के विजन अनुसार इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के विकास के लिए बनाई गई विस्तृत कार्ययोजना के क्रियान्वयन के जरिए इंडस्ट्रियल, कमर्शियल व रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स को गति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फिलहाल, इंडस्ट्रियल लैंड यूज के कुल 42 प्लॉट्स में से 17 बड़े प्लॉट्स आवंटित किए जा चुके हैं जबकि 25 प्लॉट्स की आवंटन प्रक्रिया में भी तेजी लाई जाएगी। इसी प्रकार, रेजिडेंशियल के 6 व कमर्शियल के 7 प्लॉट्स की भी आवंटन प्रक्रिया को जल्द ही शुरू किया जाएगा। प्रोजेक्ट टाउनशिप के अंतर्गत 240.22 एकड़ क्षेत्र में विभक्त 38 प्लॉट्स की भी आवंटन प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। इसमें से 10 इंडस्ट्रियल प्लॉट्स की आवंटन प्रक्रिया को इसी माह पूर्ण कर लिया जाएगा।

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