Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

‘रेरा’ कानून लागू, मकान खरीदारों के आए अच्छे दिन!

Published

on

मकान खरीदारों, 'रेरा', वेंकैया नायडू, शहरी आवास मंत्री , रीयल एस्टेट

Loading

नई दिल्ली। मकान खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया रीयल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट (रेरा) सोमवार से लागू हो गया। नए कानून के तहत अब खरीदार बिल्डर की मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

मकान खरीदारों, 'रेरा', वेंकैया नायडू, शहरी आवास मंत्री , रीयल एस्टेट

आरईआरए के लागू होने से हाउसिंग प्रोजेक्ट में पारदर्शिता बढ़ेगी, लेकिन, इसे अब तक सिर्फ 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ही लागू करने की अधिसूचना जारी की गई हैं।

शहरी आवास मंत्री वेंकैया नायडू ने नए कानून को रीयल एस्टेट के क्षेत्र में नई जान फूंकने वाला करार दिया। उन्होंने कहा है कि नया कानून बिल्डरों के गले में फंदा नहीं है बल्कि इससे जो बदलाव आएगा उससे बिल्डरों को ज्यादा खरीदार मिलेंगे। ज्यादा खरीदार मिलने से बाजार तरक्की करेगा।

उन्होंने कहा, ‘इस कानून के बाद खरीदार किंग बन जाएगा।’ एक्ट के तहत देश के हरेक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेगुलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी, जो कानून के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी। साल 2016 में संसद में पास हुए रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 की सभी 92 धाराएं सोमवार से प्रभावी हो रही हैं। यह जहां आम आदमी के लिए अच्छी खबर है, जबकि बिल्डरों-डेवलपरों के लिए यह तनाव की खबर है।

साथ ही उन्होंने बताया कि सेलेक्ट कमेटी की सिफारिश है कि बिल्डर को 50 फीसदी पैसा बैंक में जमा करना होगा। हमने उसे 70 फीसदी किया। सिफारिश सिर्फ रेजिडेंशियल के लिए थी, हमने इसमें कमर्शियल्स को भी शामिल किया था।

क्या क्या हैं खास

– अब निर्माणाधीन प्रोजेक्ट को तीन महीने में नियामक प्राधिकरण में रजिस्टर्ड कराना होगा
– जिन्हें कंपलीशन सर्टिफिकेट नहीं मिला वो प्रोजेक्ट भी इसमें आएंगे
– रजिस्टर प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी अब प्राधिकरण के पास होगी
– अब कॉरपेट एरिया पर घर बेचे जाएंगे न कि बिल्ड-अप एरिया पर
– कानून लागू करने वाले राज्य नियामक प्राधिकरण का गठन करेंगे
– फिलहाल 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इसे लागू करने जा रहे हैं
– वादा पूरा न करने पर बिल्डर को 3 से 5 साल तक जेल हो सकती है

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending