Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

रेल बजटः सुरेश प्रभु का सराहनीय प्रयास

Published

on

रेल बजट केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु, पीएम मोदी, सदानंद गौड़ा, एशिया का सबसे बड़ा सार्वजनिक उपक्रम, डिजिटल इंडिया, पांच साल में 856000 करोड़ के निवेश, सैम पित्रोदा समिति

Loading

नई दिल्‍ली।  टीम मोदी के एक अहम सदस्‍य से जैसी अपेक्षा थी वैसा ही रेल बजट केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पेश किया।  वादे के साथ-साथ इरादे की झलक देने वाले इस बजट के लिए प्रभु के अलावा पीएम मोदी की भी तारीफ होनी चाहिए, मोदी की तारीफ इसलिए क्‍योंकि उन्‍होंने सदानंद गौड़ा को बिना इस डर के हटाया कि कर्नाटक में राज कर चुकी उनकी पार्टी के वोट बैंक का क्‍या होगाॽ सुरेश प्रभु की तारीफ इसलिए क्‍योंकि उन्‍होंने पांच छह महीने बाद बिहार जैसे अहम प्रांत में होने वाले चुनाव के मद्देनजर कोई लोकलुभावन घोषणा नहीं की। हां, इस बजट से मुफ्त चुनावी घोषणाओं पर ताली बजाने वालों का निराशा हो सकती है।

अब बात रेल बजट की, तो सुरेश प्रभु ने किसी नई ट्रेन को चलाने का वादा करने के बजाय पुरानी घोषणाओं को पूरा करने के जो संकेत दिए हैं वह सराहनीय है। पिछले कुछ वर्षों से रेलवे राजनीति चमकाने का एक जरिया बन गया था।  रेल बजट के माध्‍यम से सरकारें अपना वोट बैंक साधने का प्रयास कर रही थीं। रेलवे भारत ही नहीं पूरे एशिया का सबसे बड़ा सार्वजनिक उपक्रम है। इसे व्‍यावसायिक दृष्टि से लाभप्रद बनाने का जो प्रयास सुरेश प्रभु ने इस बजट के माध्‍यम से किया है इसके लिए भी उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए।

बजट में डिजिटल इंडिया के मोदी सरकार के इरादों की भी झलक मिलती है, लेकिन सबसे जरूरी बात क्रियान्‍वयन की आती है। पांच साल में 856000 करोड़ के निवेश का महात्‍वाकांक्षी सपना पूरा करना रेल मंत्री के लिए बड़ी चुनौती होगी। एक और बात अच्‍छी लगी कि बिना किसी राजनैतिक अ‍हम के सुरेश प्रभु ने सैम पित्रोदा समिति द्वारा रेलवे की वित्‍तीय सेहत को सुधारने के लिए की गई सिफारिशों को आधार बना कर ही बजट तैयार किया। मंशा साफ है कि भारत निर्माण में मोदी सरकार बिना किसी राजनैतिक भेदभाव के सबका साथ लेगी और सबका विकास करेगी।

माल भाड़े में मामूली वृद्धि और यात्री किराए में किसी प्रकार की भी बढ़ोत्‍तरी न किया जाना इस मायने में काफी सुखद है कि भारत में चीन और जापान की तुलना में यात्री किराए की दरें क्रमशः 2.8 और 9.3 गुना कम हैं।  कुछ राजनैतिक लोग यह कहकर सरकार को घेर सकते हैं कि डीजल मूल्‍यों में कमी के बावजूद भी यात्री किराए में कमी नहीं की गई। ये वही लोग होंगे जिन्‍होंने रेलवे का इस्‍तेमाल राजनैतिक औजार के रूप में किया है। मोदी सरकार को बिना किसी दबाव में आए अपने सुधार कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते रहना चाहिए क्‍योंकि जनता ने उन्‍हें इतना बड़ा जनादेश काम करने के लिए दिया है न कि कोई राजनैतिक दबाव सहने के लिए।

rail budget 2015-16

एक बात और सुखद है कि रेल बजट की तारीफ मुलायम सिंह यादव व जयललिता ने की है।  इससे लगता है कि यदि मोदी सरकार ने आगे भी इसी तरह से जनहित के काम किए तो उनके राजनैतिक विरोधी भी उनका समर्थन कर सकते हैं।  मोदी सरकार के प्रबंधकों को इसका फायदा भूमि अध्‍यादेश मे उठाना चाहिए। एक बात और, मोदी सरकार को अपनी हर घोषणाओं के क्रियान्‍वयन पर पैनी दृष्टि रखनी होगी वरना स्थिति वही होगी …..वादे हैं वादों का क्‍या

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

Published

on

By

Loading

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

Continue Reading

Trending