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लखनऊ में इग्नू की कार्यशाला 21 जुलाई को
लखनऊ। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) शोध छात्रों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों पर 21 जुलाई को एक विशेष कार्यशाला का आयोजन करेगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से मालवीय सभागार, एलयू में आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य वैज्ञानिक एवं सामाजिक विषयों पर शोध कर रहे छात्रों को बौद्धिक संपदा एवं इससे जुड़े हुए मुद्दों से छात्रों को अवगत कराना है। कार्यशाला में पंजीकरण नि:शुल्क है। अब तक 250 से भी अधिक विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्रों एवं विश्वविद्यालय के अनेक संकायों के शोध छात्रों ने अपना पंजीयन करा लिया है।
इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मनोरमा सिंह ने बताया कि बौद्धिक संपदा किसी भी शोध छात्र के लिए अमूल्य होती है तथा उसे अपनी इस संपदा से जुड़े अधिकारों तथा उनकी रक्षा के संबंध में पूरी जानकारी होनी चाहिए। इस गहन एवं समकालीन विषय के महत्व को समझते हुए इग्नू ने इस कार्यशाला की परिकल्पना की है, जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा पेटेंट, कॉपीराइट एवं संबंधित अधिकारों, पादप विविधता संरक्षण तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रबंधन पर विशेष जानकारी प्रदान की जाएगी।
क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि इग्नू बौद्धिक संपदा पर स्नातकोत्तर डिप्लोमा कोर्स संचालित करता है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को इस विषय की बुनियादी संकल्पनाओं से परिचित करान तथा संबंधित मुद्दों पर विशेषज्ञता विकसित करना है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी में सृजनात्मक कार्य कर रहे लोगों के लिए अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि नई प्रौद्योगिकी का सृजन करने और विश्व में व्यापार का विस्तार करने के लिए पेटेंट बौद्धिक संपदा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण रूप है।
सहायक क्षेत्रीय निदेशक अंशुमान उपाध्याय ने बताया कि यह कार्यशाला विचारों के संगम के रूप में होगी, क्योंकि इसमें विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों, अकादमिक संस्थानों तथा मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के शोध छात्र अपने अनुभवों एवं बौद्धिक संपदा से जुड़ी चुनौतियों पर एक सार्वजनिक मंच से विचार मंथन करेंगे। इसके अलावा शोध छात्रों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान होगा। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के लिए पंजीकरण 20 जुलाई की शाम 5 बजे तक चलेगा। इच्छुक अभ्यर्थी पंजीकरण आवेदनपत्र इग्नू या लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट से डाउनलोड कर लखनऊ स्थित क्षेत्रीय केंद्र को ई-मेल कर सकते हैं।
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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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