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लखनऊ मेट्रो का प्रथम चरण अक्टूबर 2016 तक पूरा करने के निर्देश

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लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बुधवार को निर्देश दिया कि लखनऊ मेट्रो का प्रथम चरण किसी भी हाल में 31 अक्टूबर, 2016 तक पूरा कराया जाए। उन्होंने कहा कि लखनऊ मेट्रो के कार्य में धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और आवास विकास परिषद को 120 करोड़ रुपये, लखनऊ विकास प्राधिकरण को 40 करोड़ रुपए तथा यूपीआईडीसी को 30 करोड़ रुपये की योगदान राशि यथाशीघ्र मेट्रो को उपलब्ध करा दी जाए।

रंजन ने शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय के सभागार में परियोजना निगरानी समूह की बैठक की अध्यक्षता की और लखनऊ मेट्रो की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि 31अक्टूबर, 2016 तक मेट्रो के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण कराने के लिए माहवार माइलस्टोन के अनुसार कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट तथा फीडर सर्विस प्लान तैयार करने हेतु कन्सल्टेन्ट के चयन के लिए बिड आमंत्रित करने एवं एस्किलेटर्स के लिए निविदा जारी करने तथा जनरल कन्सल्टेन्ट के चयन हेतु आरएफपी जारी करने का कार्य एम माह में करा दिया जाएं। बैठक में प्रमुख सचिव (वित्त) राहुल भटनागर, सचिव (मुख्यमंत्री) पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रबन्ध निदेशक मेट्रो कुमार केशव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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