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प्रादेशिक

लखनऊ ज़ू ने मनाया गोरैया दिवस

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लखनऊ: गौरय्या की घटती दर दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। जिसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्राणी उद्यान लखनऊ में गोरैया दिवस बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। पहले हमारे घर आँगन में सुबह होते ही गोरैया की चहक से पूरा घर गुंजायमान हो जाता था सुबह से ही चिडि़यों का चहकना शुरू  हो जाता था।  परन्तु विगत कुछ वर्शों में गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है।
इसका मुख्य कारण शहरीकरण लाइफ, कल्चर तथा लोगो की जीवनशैली  में बदलाव है। जहाॅं पहले घरों में रौशनदान, अटारी, टीन की छतें आदि बनाई जाती  थी जिनमें आकर  गौरैया अपना घोसला बनाती थी, लेकिन अब घरों में आधुनिक बनावट बनवाने की होड़ में कोई अपने घरों में रोशनदान आदि बनवाना पसंद नहीं करता।  जिसके कारण यह प्रजाति विलुप्त होती जा रही है जबकि गौरैया के महत्व को देखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा गौरैया को दिल्ली का राजकीय पक्षी भी घोषित  किया गया है। लखनऊ प्राणि उद्यान में गौरैया की संख्या बढ़ाने के लिए गौरैया  दिवस पर जगह-जगह पर मोटे अनाज, ब्रीडिंग प्लेटफार्म तथा अन्य जगहों पर गौरैया  के लिए अनाज भोजन रखा गया साथ ही छोटे बर्तनों में पानी भरकर रखा गया। नये मटके/हंडिया तथा लकड़ी के अतिरिक्त सुन्दर हट 1⁄4घौसले1⁄2 गौरैया के लिए बनाकर लगाये गये। पूरे प्राणि उद्यान में विभिन्न स्थलों पर लगभग 100 से अधिक घोसले बनाये/लगाये गये हैं।
गौरैया को बचाने एवं उनकी संख्या बढ़ाने हेतु सुझाव-
१- गर्मी के दिनों में अपने घर की छत पर एक पानी का पात्र अवश्य रखे।
२-  जितना सम्भव हो सके गौरैया के खाने के लिए अनाज छतों पर,  पार्कों में एवं आस-पास के खाली स्थानों पर रखें ताकि उनको  आसानी से खाने के लिए दाना उपलब्ध हो सके।
३- अपने मोबाइल फोन का उपयोग कम से कम करें जिससे इससे पर्यावारण  को शुद्ध  रखा जा सके। यदि सम्भव हो तो अपने आप को बचाने के लिए विकिरण विरोधी कवर उपयोग करें।
४- बुद्धिमानी से कीटनाषक का प्रयोग करें। ये कीटनाषक कई मायनों  में हानिकारक भी होते हैं।
५-  हमारी सभी लोगों से अपील है कि गौरैया की घटती संख्या को  ध्यान में रखकर उनकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए।

 

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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