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बिजनेस

लघु उद्यमों को मुद्रा बैंक से मिलेगी मदद : जेटली

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सरकार मुद्रा बैंक योजना के जरिए लघु उद्यमियों की मदद करेगी। जेटली ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 99वीं जयंती पर आयोजित समारोह में कहा, “मुद्रा योजना के बाद हम एक योजना शुरू करेंगे, ताकि छोटे उद्यमियों को मदद मिल सके।”

जेटली यहां पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा आयोजित महा ऋण अभियान में लाभार्थियों को ऋण मंजूरी पत्र प्रदान करेंगे। देश भर के सरकारी बैंक 25 सितंबर से दो अक्टूबर के बीच महा ऋण अभियान चला रहे हैं। अभियान का मकसद सूक्ष्म उद्यमों के लिए ऋण उपलब्ध कराना और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत छोटे कारोबारियों के लिए ऋण परितंत्र निर्माण करना है।

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “छोटे उद्यमी, छोटे व्यापारी, फल विक्रेता और मैकेनिक जैसे लोग इस अभियान में सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे।” सभी सरकारी बैंकों, क्षेत्रीय बैंकों और निजी बैंकों ने मौजूदा कारोबारी साल में सूक्ष्म और लघु उद्यमियों के लिए 1,22,000 करोड़ रुपये ऋण देने का लक्ष्य रखा है। केंद्रीय कानून मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने गुरुवार को कहा कि मुद्रा बैंक से 5.77 करोड़ लघु कारोबारियों को आसानी से ऋण हासिल करने में मदद मिलेगी।

मौजूदा कारोबारी वर्ष में 22 सितंबर तक मुद्रा बैंक से कुल 35.60 लाख लोगों ने 24,123 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इनमें 52 फीसदी लाभार्थी महिला हैं और 50 फीसदी नए उद्यमी हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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