Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

‘लाइफ ऑफ पाई’ ने प्रेरणा दी : सोलोमन

Published

on

Loading

 फिल्मकार प्रभु सोलोमन ने कहा है कि अमेरिकी फिल्म निर्माता-निर्देशक ऐंग ली की फिल्म ‘लाइफ ऑफ पाई’ ने उन्हें अपनी फिल्म ‘कायल’ में डोल्बी एटमॉस साउंड तकनीक का प्रयोग करने की प्रेरणा दी। ‘कायल’ वर्ष 2004 में आई सुनामी की पृष्ठभूमि लिए हुए है।

सोलोमन ने आईएएनएस को बताया, “मैंने ‘लाइफ ऑफ पाई’ देखकर पहली बार एटमस तकनीक सुनी और उसका अनुभव किया। फिल्म के समुद्रीय दृश्यों में इस्तेमाल हुए साउंड ने मुझे हैरान कर दिया था। ‘कायल’ में साउंड की विशेषकर फिल्म के अंतिम 30 मिनट में एक अहम भूमिका है। उस दौरान फिल्म में बमुश्किल ही कोई संवाद होगा।”

26 दिसंबर को रिलीज हो रही ‘कायल’ सुनामी में मारे गए लोगों को एक श्रद्धांजलि होगी। इसमें नवोदित कलाकार चंद्रन और आनंदी मुख्य भूमिका में हैं।

 

 

But I guess paper writer I see how online publishing matters too

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending