Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

लाखों शिवभक्त करेंगे दूधेश्वर का अभिषेक

Published

on

Loading

गाजियाबाद। भगवान विष्णु को जिस तरह मार्गशीर्ष (माघ) महीना प्रिय है, उसी प्रकार भगवान शिव को श्रावण माह अतिप्रिय है। श्रावण माह में किए गए पूजन, जप व अभिषेक का फल कई गुना मिलता है। इसलिए इस बार भी शिवरात्रि में लाखों शिवभक्त दूधेश्वर शिव का अभिषेक करेंगे। यहां के सिद्धपीठ दूधेश्वर मंदिर में श्रावण मास को लेकर आयोजित प्रेसवार्ता में महंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि श्रावण शिवरात्रि का मुख्य मेला 11, 12 व 13 अगस्त तक रहेगा। शिवरात्रि का व्रत बुधवार 12 अगस्त को होगा। इसी दिन लाखों की संख्या में शिवभक्त कांवड़िये गंगाजल से भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक करेंगे।

उन्होंने बताया कि 12 अगस्त को ही भगवान दूधेश्वर की आठ प्रहर की विशेष पूजा भी शुरू होगी, जो 13 अगस्त तक चलेगी। महंत ने बताया कि संपूर्ण मंदिर परिसर सीसीटीवी कैमरों की जद में रहेगा। इसके अलावा कांवड़ियों के वेश में पुलिस व सिविल डिफेंस के लोग भी मौजूद रहेंगे। गंगाजल की व्यवस्था हर वर्ष की भांति नगर निगम ही करेगा।

मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग ने कहा कि मंदिर की तरफ से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, लेकिन नगर निगम इस कार्य में बिल्कुल रुचि नहीं ले रहा है। चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जगह-जगह मांस की दुकानें खुली हुई हैं, जिस कारण कावड़ियों को काफी परेशानी होती है।

उन्होंने कहा कि यदि नगर निगम ने पांच अगस्त तक सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं कीं, तो वह महंत नारायण गिरि के साथ नगर निगम में जाकर भूख हड़ताल करेंगे।

आध्यात्म

आज है गोवर्धन पूजा, जानें पूजन विधि व शुभ मुहूर्त

Published

on

govardhan puja

Loading

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) की जाती है। यानी दिवाली अगले दिन ये पर्व मनाया जाता है। इस साल गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू हो रही है और यह 2 नवंबर की रात 8 बजकर 21 मिनट पर खत्म होगी। इस तरह से गोवर्धन पूजा का सही दिन 2 नवंबर ही माना गया है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाती हैं और उसकी पूजा करती हैं।

गोवर्धन पूजा मुहूर्त

इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से शाम 5 बजकर 35 मिनट तक है। इस समय पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

गोवर्धन पूजा विधि

गोवर्धन पूजा के दिन सुबह काल जल्दी उठकर स्नानादि करें। फिर शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं और साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं।

इसके बाद धूप-दीप आदि से विधिवत पूजा करें। भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के बाद उनका पूजन करें। इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं।

गोवर्धन पूजा का महत्व

मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण के द्वारा ही सर्वप्रथम गोवर्धन पूजा आरंभ करवाई गई थी और गोवर्धन पर्वत तो अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज वासियों और पशु-पक्षियों की रक्षा की थी। गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ कृष्ण जी के पूजन का भी विधान है। इस दिन अन्नकूट का विशेष महत्व माना जाता है।

Govardhan Puja, Govardhan Puja today, Govardhan Puja news,

Continue Reading

Trending