Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

लापता विहिप नेता तोगड़िया बेहोशी की हालत में मिले, अस्पताल में भर्ती

Published

on

Loading

अहमदाबाद। वीएचपी प्रमुख प्रवीण तोगड़िया बेहोशी की हालत में अहमदाबाद के शाहीबाग इलाके के चंद्रमणि अस्पताल में भर्ती हैं। तोगडिय़ा सोमवार सुबह 10 बजे से लापता थे। यह भी दावा किया गया कि 62 वर्षीय तोगड़िया को राजस्थान पुलिस ने एक पुराने केस के सिलसिले में हिरासत में लिया। हालांकि बाद में पुलिस ने साफ कहा कि तोगड़िया को न तो गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया है और न ही राजस्थान पुलिस ने।

अहमदाबाद पुलिस के मुताबिक तोगडिय़ा विहिप मुख्यालय से सुबह 10:45 पर एक रिक्शे पर निकले थे। पुलिस के मुताबिक तोगडिय़ा खुद ही रिक्शे में बैठकर वीएचपी दफ्तर से निकले थे। उन्होंने अपने सुरक्षा कर्मी को भी साथ आने से मना कर दिया था।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के लगभग पचास कार्यकर्ताओं ने सोमवार को यह कहते हुए अहमदाबाद के एक थाने पर हंगामा किया कि गुजरात पुलिस ने राजस्थान की पुलिस के साथ मिलकर विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा को गिरफ्तार किया है। उनका कहना है कि गिरफ्तारी दस साल पुराने हत्या के एक मामले में हुई है।

कार्यकर्ताओं ने सोला पुलिस थाने पर हंगामा किया। उनका आरोप है कि सोला पुलिस ने राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर अहमदाबाद के पाल्दी में स्थित संगठन मुख्यालय से तोगडिय़ा को गिरफ्तार किया। विहिप की अहमदाबाद शहर इकाई के महासचिव राजू पटेल ने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि राजस्थान पुलिस ने सुबह 10 से 11 बजे के बीच हमारे नेता प्रवीण तोगडिय़ा को गिरफ्तार किया है। वे लोग राजस्थान में दस साल पहले हुई हत्या के एक मामले में राज्य में उन्हें खोज रहे थे।”

गांधीनगर विहिप महासचिव ने कहा, “हमें डर है कि तोगडिय़ा को पुलिस फर्जी मुठभेड़ में जान से मार सकती है। तोगडिय़ा जिस तरह राम मंदिर और चुनावी वादों जैसे तमाम मुद्दों पर सरकार के रवैये के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, सरकार में बैठे बहुत से लोग इसे पसंद नहीं करते और वे उन्हें (तोगडय़िा को) खामोश करना चाहेंगे।” विहिप कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी अहमदाबाद में व्यस्त सरखेज-गांधीनगर राजमार्ग पर यातायात बाधित करने की भी कोशिश की।

पुलिस ने दी सफाई

अहमदाबाद पुलिस का कहना है कि यह सही है कि राजस्थान पुलिस तोगडिय़ा की तलाश में सुबह शहर में थी लेकिन वह बिना किसी गिरफ्तारी के खाली हाथ शहर से वापस चली गई है। सोला पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर जी.एस.पटेल ने कहा, “राजस्थान पुलिस के पास तोगडिय़ा के नाम का सर्च वारंट था। लेकिन, कोई गिरफ्तारी नहीं हुई और वे बिना किसी को गिरफ्तार किए वापस राजस्थान लौट गए।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

Published

on

Loading

संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

Continue Reading

Trending