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प्रादेशिक

लालची साले ने जीजा को धमकाया, कहां पांच लाख दो नहीं तो रेप में फंसा दूंगा

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यमुनानगर। देश में महिलाओं के प्रति यौन हिंसा लगातार बढ़ रही है। आएं दिन अखबारों में रेप की घटना प्रकाश में आती रहती है। हालांकि कुछ मामलों में सच्चाई कुछ और होती है। अम्बाला में कुछ इसी तरह का मामला प्रकाश में आया है जहां एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर जीजा को रेप के झूठे अरापों में फंसाने की धमकी दे डाली है।

पूरा मामला फर्कपुर का बताया जा रहा है। इतना ही नहीं धमकी देकर पांच लाख रुपये की डिमांड भी रख डाली है। मामला तब और तूल पकड़ गया है जब आरोपियों ने पीडि़त के मोबाइल पर एक वीडियो पोस्ट कर दिया और उस वीडियो में किसी व्यक्ति को पीटते हुए दिखाया गया और उसके नीचे एक संदेश भी लिखा गया है।

संदेश में कहा गया है कि अगर यदि पांच लाख नहीं दिए तो ये हाल किया जाएगा। इसके बाद आनन-फानन में पीडि़त जीजा पीडि़त जीजा ने अपने साले व उसकी पत्नी के खिलाफ थाने जाकर पूरे मामले की जानकारी देते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है। पुलिस ने इस पूरे मामले को गम्भीरता से लेते हुए जांच करने की बात कही है और साले व साले की पत्नी के खिलाफ आईपीसी की धारा 384 व 389 के तहत केस दर्जकर कार्रवाई शुरू कर दी है।

फर्कपुर की विष्णु नगर कॉलोनी के निवासी संजीव ने पुलिस के सामने बताया कि रजनीश बजाज उसके रिश्ते में साला लगता है लेकिन उसने उसके धोखा करते हुए रजनीश ने व्यापार में नुकसान की बात कहकर 11 लाख रुपये उधार ले डाले थे। इतना ही नहीं उसे एक बार दिल का दौरा पड़ा था इसके बाद मैंने उसकी मदद करते हुए दो लाख रुपये दिए थे। इसके बाद रजनीश ने दो-तीन लाख रुपये ही लौटा सका है। इसके बाद रजनीश और उसकी पत्नी मीनाक्षी बजाज उसके घर आएं और उससे और पांच लाख रुपये की मांग कर डाली। मैंने मना कर दिया लेकिन इसके बाद रजनीश व उसकी पत्नी मीनाक्षी ने उसे धमकी दी कि यदि उसने रुपये नहीं दिए तो वो उस पर व उसके बेटे पर दुष्कर्म का झूठा केस दर्ज करवा देंगे। इतना ही नहीं उसे धमकाते हुए कहा है कि अगर पैसे नहीं दिये तो उसके के साथ बहुत बुरा होगा।

उत्तर प्रदेश

निराश्रित बच्चों के लिए सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण बनाने में जुटी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला कल्याण विभाग ने बच्चों के सर्वांगीण विकास और सुरक्षा के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल के तहत राज्य के विभिन्न जनपदों में 10 नए बाल संरक्षण गृहों का निर्माण और संचालन किया जाएगा। इन संरक्षण गृहों का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है, जहाँ वे अच्छे नागरिक के रूप में विकसित हो सकें।

वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या समेत 10 जिलों में बनेंगे नए बाल संरक्षण गृह

महिला कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तावित इस योजना के अनुसार, प्रदेश के मथुरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, आजमगढ़, झांसी, अमेठी, फिजाबाद, देवरिया, सुल्तानपुर, तथा ललितपुर में इन संरक्षण गृहों की स्थापना की जाएगी। हर संरक्षण गृह में 100-100 बच्चों को रखने की क्षमता होगी, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जा सके। इनमें 1 राजकीय बाल गृह(बालिका) 1 राजकीय बाल गृह (बालक), 7 राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), किशोर न्याय बोर्ड सहित 1 प्लेस ऑफ सेफ्टी गृह शामिल है। इन संरक्षण गृहों में बच्चों को न केवल रहने की सुविधाएं दी जाएंगी, बल्कि उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का भी ध्यान रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग इन संरक्षण गृहों की स्थापना से असहाय और संवेदनशील बच्चों को एक नया जीवन देकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। इन गृहों में बच्चों को एक संरक्षित वातावरण में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और जीवन कौशल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम

इस योजना के तहत राज्य सरकार ने बाल संरक्षण गृहों के निर्माण के लिए आवश्यक फंड भी निर्धारित किए हैं। सभी गृहों का निर्माण योगी सरकार अपने बजट से करेगी। वहीं इन गृहों के संचालन में केंद्र सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के प्राविधानों के केंद्रांश-60 प्रतिशत और राज्यांश-40 प्रतिशत के अनुसार राज्य सरकार पर 7.96 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। योजना के सफल संचालन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन गृहों का निर्माण और प्रबंधन गुणवत्ता मानकों के अनुसार किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कंसल्टेंट्स का चयन भी किया है, ताकि इन बाल संरक्षण गृहों में दी जाने वाली सेवाओं का उच्चतम स्तर सुनिश्चित किया जा सके।

बाल अधिकारों की रक्षा में सीएम योगी का सशक्त प्रयास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य है कि राज्य का कोई भी बच्चा असुरक्षित या उपेक्षित महसूस न करे। सीएम योगी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि वे समाज के भविष्य हैं। इस योजना के तहत बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, जो उनकी सुरक्षा और कल्याण के प्रति संजीदा होंगे। इन बाल संरक्षण गृहों में बच्चों को उनकी उम्र और जरूरतों के हिसाब से सेवाएं दी जाएंगी, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें।

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