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लालू की मांग, शंकराचार्य की नियुक्ति में भी लागू हो आरक्षण

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बिहारशरीफ। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने देश के चारों पीठों में शंकराचार्य की नियुक्ति में भी आरक्षण लागू करने की मांग की है।

बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में आयोजित राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर एवं कार्यकारिणी की बैठक के अंतिम दिन गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष ने यह मांग उठाई। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य की नियुक्ति में हमेशा एक ही जाति का वर्चस्व क्यों रहना चाहिए?

बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आज धर्म और नस्ल के नाम पर देश के टुकड़े करने की साजिशें हो रही हैं। हमें देश और संविधान को बचाना है। जब देश ही नहीं रहेगा और जब लोकतंत्र ही नहीं रहेगा, तब हम कहां होंगे?”

लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पिछले दिनों ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ किए जाने के दावे को एक बार फिर ‘झूठ’ बताते हुए कहा, “सर्जिकल स्ट्राइक वाले प्रधानमंत्री बताएं कि हमारी सीमा में घुसकर आज हमारे ही जवानों को क्यों मारा जा रहा है?”

उन्होंने राजद के प्रशिक्षण शिविर की उपयोगिता की चर्चा करते हुए कहा, “अब हम लोगों को लड़ाई में जाना है। लड़ाई में जाने के पहले प्रशिक्षित होना जरूरी है।”

भाजपा पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाते हुए लालू ने कहा, “भाजपा के लोग ‘जय श्री राम’ कहते हैं, लेकिन हमलोग ‘सीता-राम’ कहते हैं। यह उनकी मानसिकता का परिचायक है।”

लालू ने अपने कार्यकर्ताओं को ‘मनुस्मृति’ पढऩे की सलाह देते हुए कहा कि इसी पुस्तक में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य जैसी जातीय व्यवस्था की गई है। क्यों और किस मकसद से, यह जानने के लिए इसे पढऩा जरूरी है।

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे, तब उन्होंने बेरोजगारी दूर करने का वादा किया था, लेकिन आज बेरोजगारी पहले से ज्यादा बढ़ गई है। जहां रोजगार था, वहां भी कुटीर और लघु उद्योग बंद हो गए हैं। बाहर कमाने गए लोग घर लौट आए हैं।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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