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नेशनल

लालू फिर बने राजद अध्यक्ष, अगला चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ेगी पार्टी

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पटना, 21 नवंबर (आईएएनएस)| बिहार में सबसे बड़े राजनीतिक परिवार के मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद 10वीं बार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए। वहीं दूसरी ओर, पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में अगला बिहार विधानसभा चुनाव पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी प्रसाद के नेतृत्व में लड़े जाने की भी घोषणा की गई।

पटना के श्रीष्ण मेमोरियल सभागार में मंगलवार को आयोजित राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक एवं खुले अधिवेशन के प्रथम सत्र में राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी और राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने लालू प्रसाद के निर्विरोध निर्वाचन की अधिकारिक घोषणा कर उन्हें प्रमाणपत्र सौंपा।

लालू की 10वीं बार पार्टी अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी के बाद तमाम नेताओं ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं। पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी ने भी लालू के अध्यक्ष बनने पर उन्हें बधाई दी।

युवा राजद की ओर से इस मौके पर लालू को चांदी का मुकुट और तलवार भेंट की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐलान किया कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव अगले चुनाव में राजद की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे।

इस अधिवेशन में बिहार एवं झारखंड सहित 24 राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

लालू ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर लोगों को धोखा देने का आरोप लागते हुए कहा कि लोगों को छल कर दोनों सरकार बनी है। लालू ने कहा कि नीतीश ने जनता का धोखा दिया है और सरकार के सभी मंत्री सिर्फ ‘बात बनाने’ में मशगूल रहते हैं।

लालू ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर तंज कसते हुए कहा, नीतीश कुमार के एक स्वास्थ्य मंत्री हैं जो ‘डेंगू मंत्री’ हैं। राज्य में स्वास्थ्य विभाग की हालत सबसे खराब है।

राजद प्रमुख ने कहा कि घोटाले की सरकार है और बचने के लिए सभी जाकर भाजपा की गोद में बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि किसान की हालत देश में बुरी है। उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

इससे पहले, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘चिट मिनिस्टर’ की संज्ञा देते हुए कहा कि आज तक उन्होंने केवल लोगों को ठगा है।

उन्होंने कहा, नीतीश कुमार ‘चीफ मिनिस्टर’ नहीं, बल्कि ‘चिट मिनिस्टर’ हैं। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का जीवन संघर्षो से भरा है। वहीं, नीतीश कुमार का जीवन साजिशों से भरा है। नीतीश ठगी के महारथी हैं।

तेजस्वी ने केंद्र सरकार पर उनके पूरे परिवार को डराने-धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश आज एक गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है। भाई-भाई को लड़ाया जा रहा है और तानाशाही की तरह सरकार चलाई जा रही है।

तेजस्वी ने कहा, मुझे और मेरे परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है। साजिश पर साजिश रची जा रही है। चाहे कोई मेरा गला काट दे या हाथ काट दे, लेकिन मेरे अंदर लालू प्रसाद का खून है। मैं डरने वाला नहीं हूं।

उन्होंने कहा, लालू प्रसाद की लड़ाई को आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य है। पार्टी कार्यकर्ताओं की मजबूती से यह लड़ाई जारी रहेगी।

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उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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