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लोग करने लगे मैगी से परहेज

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लखनऊ। दो मिनट में तैयार होने वाली बच्चों की सबसे पसंदीदा डिश ‘मैगी’ में सीसा व मोनो सोडियम ग्लूटामेट जैसे हानिकारक तत्वों की अधिक मात्रा होने की पुष्टि के बाद भले ही संबंधित बैच के माल को हटाने के आदेश जारी हो चुके हों, पर यह हो नहीं रहा है। मगर अब लोग खुद मैगी से परहेज करने लगे हैं। मैगी नूडल्स घर-घर की पसंद है। बच्चे तो खासतौर से इसके दीवाने हैं। छोटे-बड़े आउटलेट व मॉल से लेकर बाजार और गली-मोहल्लों तक इसका बड़ा बाजार मौजूद है। वहीं मैगी में खतरनाक तत्व मिलने की रिपोर्ट ने लोगों को सकते में डाल दिया है।

अभिभावक अभिराम त्रिपाठी का कहना है कि उनके घर में सालों से मैगी आती है। बच्चों के बीच तो यह बेहद लोकप्रिय है। हम बच्चों की खुशी चाहते हैं, मगर सेहत की शर्त पर नहीं।

कई अन्य अभिभावकों का कहना है कि वह बच्चों को समझाएंगे और मैगी से परहेज बरतेंगे, क्योंकि दो मिनट में बनने वाली मैगी अब सेहत पर भारी पड़ रही है।

बाल रोग विशेषज्ञों के मुताबिक, ये तत्व बच्चों की किडनी व आंतों को खराब, बोनमैरो व ब्लैड कैंसर, एनीमिया, बिहेवियर डिसऑर्डर, चिड़चिड़ापन व भूख न लगने से जैसी बीमारियों की वजह बन सकते हैं।

वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग का कहना है कि जब तक अन्य बैच की रिपोर्ट नहीं आ जाती, लोगों को सचेत रहना होगा। शासनादेश के बाद कंपनी व स्टाकिस्टों ने बैच का माल हटवा दिया गया है। शिकायत मिलती है तो माल सीज कर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही एफडीए की टीमों द्वारा भी दुकानों में छापेमारी करके भी मैगी नूडल्स की जांच करने का दावा किया जा रहा है।

उधर, नेस्ले इंडिया द्वारा अपने इस उत्पाद को लेकर पुराना स्टॉक पहले ही बाजार से समाप्त होने का दावा किया गया है।

कंपनी ने कहा कि पिछले साल फरवरी के बैच के दो लाख नूडल्स पैकेटे वापस नहीं लिए जा सकते। इनके उपयोग के लिए निर्धारित तारीख पिछले साल नवंबर में ही बीत चुकी है। इस अवधि से पहले ही कंपनी बचे हुए स्टॉक को वितरकों और खुदरा बाजार से वापस ले लेती है। कंपनी के मुताबिक, अब उस बैच के पैकेट बाजार में बचे ही नहीं हैं।

गौरतलब है कि प्रदेश में फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी एफडीए ने 2014 के बैच के मैगी के दो दर्जन नमूनों में स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक रसायन पाए थे। इनकी जांच सरकारी प्रयोगशाला में हुई थी, जिसमें घातक रसायन होने की पुष्टि की गई थी।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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