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अन्तर्राष्ट्रीय

लड़ाई आतंकवाद से है इस्लाम से नहीं : ओबामा

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वाशिंगटन | राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि हिंसा और आतंकवाद के लिए धर्म नहीं, बल्कि कुछ लोग जिम्मेदार हैं। इसके साथ ही उन्होंने इराक और सीरिया में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ छेड़ी गई लड़ाई को धर्म के खिलाफ लड़ाई कहने से इंकार किया।

व्हाइट हाउस में हिंसक चरमपंथ से संबंधित सम्मेलन के दूसरे दिन बुधवार को अपने संबोधन में ओबामा ने कहा, “हमारी लड़ाई इस्लाम के खिलाफ नहीं है, हमारी लड़ाई इस्लाम को विकृत करने वालों के खिलाफ है।” स सम्मलेन में 60 देशों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। ओबामा ने कहा, आतंकवादी मुसलमानों की करीब एक अरब संख्या का प्रतिनिधित्व नहीं करते। बल्कि ये एक अरब मुसलमान ऐसे घृणित विचारों का विरोध करते हैं। राष्ट्रपति ने कहा, “ऐसे लोग इस्लाम का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि वे पागल होते हैं, जो ईश्वर के नाम पर निर्दोषों की हत्या करते हैं, चाहे वे ईसाई, यहूदी, बौद्ध या हिन्दू किसी धर्म का नाम लें।”

उन्होंने कहा, “कोई भी धर्म आतंकवाद के लिए जिम्मेदार नहीं होता। हिंसा और आतंकवाद के लिए कुछ खास लोग जिम्मेदार होते हैं।” मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा हमला किए जाने की बात स्वीकारते हुए ओबामा ने कहा कि अन्य चरमपंथी हमले इस्लाम के नाम पर नहीं होते हैं। इनमें 2012 में विस्कॉन्सिन स्थित गुरुद्वारे और पिछले साल यहूदियों के सामुदायिक केंद्र पर हुआ हमला भी शामिल है, जो श्वेत नागरिकों ने किए थे। ओबामा ने कहा, “मिलवॉकी में गुरुद्वारे पर हुआ हिंसक हमला हो या कन्सास शहर के बाहर यहूदी समुदायिक केंद्र पर हुआ हमला, हम एक बार फिर बहुरूपी समाज और स्वतंत्रता को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं और किसी पर भी उसकी नस्ल, रहन-सहन या पूजापद्धति के कारण होने वाले हमलों को खारिज करते हैं।”

राष्ट्रपति ने कहा, हाल के समय में चैपल हिल में तीन अमेरिकी मुस्लिम युवकों की हत्या से कई अमेरिकी मुस्लिम चिंतत और डरे हुए हैं।उन्होंने कहा, मैं जितना स्पष्ट हो सके कहना चाहता हूं, सभी धर्म और पृष्ठभूमि के अमेरिकी, हम आपके दुख में आपके साथ खड़े हैं और आपको प्यार और सहायता की पेशकश करते हैं। राष्ट्रपति ने पश्चिमी देश और इस्लाम के बीच मतभेद के विचार को नकारते हुए कहा कि गलत धारणा को बदलने की जिम्मेदारी मुसलमानों की भी उतनी ही है।

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लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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