नेशनल
वाइब्रेंट सेरेमिक्स गांधीनगर में 16 नवंबर से
नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)| दुनिया की सबसे बड़ी सेरेमिक प्रदर्शनी वाइब्रेंट सेरेमिक्स 2017 का दूसरा संस्करण गुजरात की राजधानी गांधी नगर में 16-19 नवंबर के बीच होगा। दूसरे संस्करण का विषय ‘मेक इन इंडिया’ है। सेरेमिक प्रदर्शनी के कर्टेन रेजर के ऐलान के मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि, किसान कल्याण एवं पंचायती राजमंत्री पुरुषोत्तम रुपाला तथा सड़क, परिवहन, राजमार्ग, नौवहन और रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने की।
पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा, भारत सेरेमिक्स क्षेत्र में एक लीडर के रूप में विकसित हो रहा है, देश में इस सेक्टर के उज्ज्वल भविष्य की अपार संभावनाएं दिखाई देती हैं। ‘मेक इन इंडिया’ मिशन के मद्देनजर उम्मीद की जा रही है कि सेक्टर 2020 तक 200 फीसदी तक विकसित होगा। हमें उम्मीद है कि यह क्षेत्र अन्य क्षेत्रों के लिए भी अनुकरणीय उदाहरण स्थापित करेगा।
वाइब्रेंट सेरेमिक्स 2017 के अध्यक्ष तथा गुजरात ग्रेनिटो मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के.जी. कुंदरिया ने कहा, हमें वाइब्रेंट सेरेमिक्स 2017 के दूसरे संस्करण के लिए कर्टेन रेजर का ऐलान करते हुए बेहद खुशी हो रही है। नई तकनीकों के आगमन के साथ हमारा उद्योग विकास की दिशा में तेजी से अग्रसर है, हम उम्मीद करते हैं कि हमें विकास की अगली प्रावस्था के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार, विभिन्न हितधारकों तथा हमारे साझेदारों से भरपूर सहयोग मिलेगा।
वाइब्रेंट सेरेमिक्स 2017 और मोरबी धुवा ग्लेज्ड टाईल्स एसोसिएशन के प्रेजीडेंट नीलेश जेटपरिया ने रोजगार सृजन में सेक्टर के योगदान पर जोर देते हुए कहा, सेरेमिक्स उद्योग भारत सरकार के विभिन्न अभियानों जैसे मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। हम देश के आर्थिक विकास में योगदान देने तथा रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। वर्तमान में हम राजस्व में चार अरब डॉलर का योगदान देते हैं तथा 10 लाख से अधिक कुशल एवं अकुशल कर्मचारी हमारे साथ काम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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