प्रादेशिक
वाई-फाई सुविधा से परिपूर्ण होंगें देश के 20 शहर
नई दिल्ली| दूरसंचार सेवा उपलब्ध कराने वाली वैश्विक कंपनी यूटी स्टारकॉम ने विश्वास जताया है कि भारत के शीर्ष 20 शहर 2015 के अंत तक वाई-फाई की सुविधा से युक्त होंगे।
यूटी स्टारकॉम के निदेशक (दक्षेस देश) राहुल पांडे ने कहा, “पूरी दुनिया में इंटरनेट सेवा प्रदाता वाई-फाई के लिए डेटा ऑफलोड एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत ने भी इसकी शुरुआत की है। साल 2015 के अंत तक भारत में वाई-फाई का सपना साकार होगा।”
उच्च आवृत्ति के लोकल एरिया नेटवर्क (लैन) प्रौद्योगिकी के लिए वाई-फाई एक बेहद मशहूर शब्द है।
यूटीस्टारकॉम ने साल 2013 में 16 करोड़ डॉलर का कारोबार किया है। जापान के बाद भारत इसका दूसरा सबसे बड़ा बाजार रहा है। भारतीय बाजार में यह कंपनी साल 2000 से ही मौजूद है और इस दौरान उसने निजी व सरकारी सेवा प्रदाताओं के साथ व्यापक तौर पर काम किया है।
यूटीस्टारकॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विलियम रॉन्ग ने कहा, “2जी के बाद सभी संचालक 3जी पर आए और इसके लिए स्पेक्ट्रम का भुगतान किया। एक समय ऐसा आएगा, जब बिना स्पेक्ट्रम के ही इंटरनेट सेवा का विस्तार होगा।”
उन्होंने कहा, “जब वाई-फाई की सुविधा हो जाएगी, तब डेटा की कीमत वर्तमान कीमत के दसवें हिस्से के बराबर हो जाएगी। साथ ही इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने में संचालकों का भी कम खर्च होगा।”
उन्होंने कहा, “कंपनी कई संचालकों के साथ वाई-फाई कनेक्टिविटी पर काम कर रही है। वे इसे चरणबद्ध तरीके से अंजाम दे रहे हैं। कुछ ने तो परीक्षण भी शुरू कर दिया है।”
कंपनी ने दूरसंचार सचिव राकेश गर्ग से सितंबर 2014 में मुलाकात की थी। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद जापान की यात्रा की थी। इस दौरान प्रसाद वहां यूटीस्टारकॉम कंपनी के दफ्तर भी गए थे।
पांडे ने कहा, “हमने पांच लाख से अधिक हॉटस्पॉट (वाई-फाई एरिया) लगाए हैं, जिसका मतलब है, इससे 15 लाख लोगों को वाई-फाई सुविधा दी जा सकती है। दूरसंचार सचिव ने इसे पूरे भारत में फैलाने की इच्छा जाहिर की है।”
भारत सरकार देश में वाई-फाई सेवा तेजी से शुरू करने के प्रति बेहद इच्छुक है।
पांडे ने कहा, “नीति की कोई समस्या नहीं है। हमने सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से मुलाकात की है और वे वाई-फाई के लिए अपने बजट पर काम कर रहे हैं। कंपनी सुविधाएं स्थापित करने के लिए तैयार है। हमारे पास विशेषज्ञ भी हैं। इसलिए हमारे लिए यह कोई चुनौती नहीं है।”
कंपनी अपना ध्यान सरकार द्वारा बिछाए गए नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) पर केंद्रित कर रही है, जो ग्रामीण इलाकों में उसे वाई-फाई सेवा उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
वॉन्ग ने कहा, “हमारा ध्यान कम लागत वाली कनेक्टिविटी पर है। इसके लिए हम अपना ध्यान एनओएफएन पर केंद्रित कर रहे हैं। स्पेक्ट्रम की कमी है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने का एक ही तरीका है, और वह है वाई-फाई।”
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।
श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था
संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती
महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।
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