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प्रादेशिक

वाराणसी : गंगा किनारे वालों की नींद उड़ी

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में गंगा किनारे रहने वालों को अब यह बताना होगा कि उनका मकान कब बना था। वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से लगभग 600 मकानों के मालिकों को नोटिस जारी कर उनसे दस्तावेज तलब किए गए हैं। नोटिस मिलने के बाद से सब मकान मालिकों की नींद उड़ी हुई है।

गंगा किनारे के भवनों में रामानंदाचार्य, अहिल्याबाई होल्कर भवन से लेकर संत तुलसीदास भवन तथा कई रजवाड़ों के वंशजों का मकान भी शामिल है। दरअसल, उच्च न्यायालय ने गंगा किनारे 200 मीटर के दायरे में 2001 से ही निर्माण पर रोक लगा रखी है। इस मामले में विकास प्राधिकरण को अपनी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करनी है। इसी के मद्देनजर वर्ष 2001 के बाद से हुए निर्माण का पता लगाकर कार्रवाई करने की जगह पुराने बने मकानों के दस्तावेज ही तलब कर लिए गए हैं, जिससे मकान मालिकों की नींद उड़ी हुई है।

अस्सी घाट से राजघाट के बीच करीब सात किलोमीटर के भूभाग में 84 घाटों के किनारे निर्मित एक से बढ़कर एक हवेलियां और मठ ही बनारस की इन घाटों की असली खूबसूरती हैं। इन्हें देखकर कोई भी बता सकता है कि सैकड़ों वर्षों पहले इनका निर्माण हुआ होगा, लेकिन वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने इनके निर्माण से जुड़े दस्तावेज भी तलब कर लिए हैं। प्राधिकरण ने जिन लोगों को लीगैलिटी ऑफ कंस्ट्रक्शन का नोटिस जारी किया है उनमें गंगा किनारे बने तुलसी घाट, पंचगंगा, मान मंदिर, अहिल्याबाई होल्कर भवन, राणा भवन जैसे महलों में रहने वाले शामिल हैं।

प्राधिकरण की ओर से जारी इस नोटिस के बारे में संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विशंभर नाथ मिश्र ने कहा, “संत तुलीसीदास की कुटिया के वैध होने का दस्तावेज मांगकर विकास प्राधिकरण ने मजाक किया है। अधिकारियों की सोच और समझ पर भी तरस आता है।” इस बीच, प्राधिकरण की तरफ से जो नोटिस जारी की गई है, उसके मुताबिक सभी मकान मालिकों को शपथपत्र सहित कागजात पेश कर यह सबूत देना होगा कि उनका भवन कब बना था। ऐसा न करने वालों के खिलाफ नगर योजना एवं विकास अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इधर, पूरे मामले पर वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव एम. पी. सिंह ने कहा कि नोटिस परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि 2001 के बाद बने भवनों का पता लगाने के लिए जारी की गई है। बिजली-पानी के कनेक्शन या फिर जो भी पुराने दस्तावेज हों उन्हें जमा कराया जा सकता है। इस मामले में बनारस के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय राय ने कहा कि घाट किनारे बने भवनों की वास्तुकला ही उनकी प्राचीनता का अहसास कराती है। विशेषज्ञों से जांच करवाकर इसका पता लगवाया जा सकता है। लोगों से दस्तावेज मांगकर नाहक उन्हें परेशान किया जा रहा है।

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हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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