नेशनल
वाहन चालक याद रखें 13 व 27 अक्टूबर, होने वाला है कुछ खास…
नई दिल्ली। यदि आप दो या चार पहिया किसी भी तरह का वाहन चलाते हैं तो आने वाले 13 अक्टूबर की तारीख ठीक से याद कर लीजिए। यदि इससे पहले आपने अपनी गाड़ी में पेट्रोल-डीजल नहीं भरवाया तो पैदल ही घूमने को मजबूर होना पड़ सकता है। वजह यह है कि देशभर में करीब 54 हजार पेट्रोल पंप 13 अक्टूबर को बंद रहेंगे। इस दिन पेट्रोल पंप संचालक अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए हड़ताल पर रहेंगे।
ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स के अध्यक्ष अजय बंसल ने शनिवार को कहा कि अगर हमें तेल कंपनियों से उचित जवाब नहीं मिलता तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी मांगे डीलर मार्जिन्स और कमीशन को लेकर है। उन्होंने आपूर्ति में विसंगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग भी रखी। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों पर तेल कंपनियों से उचित जवाब नहीं मिलता है तो 27 अक्टूबर से सभी पेट्रोल पंप अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
फेडरेशन ऑफ महाराष्ट्र पेट्रोल डीलर्स असोसिएशन के अध्यक्ष उदय लोध ने कहा कि यह निर्णय यूनाइटेड पेट्रोलियम फ्रंट की पहली बैठक में लिया गया। यह फ्रंट देशभर में पेट्रोल डीलर्स के तीन बड़े संगठनों को मिलाकर बनाया गया है।
बता दें कि फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स (एफएआईपीटी) ने 16 जून को ‘नो परचेज, नो सेल’ का आह्वान किया था, जिसे दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया था। पेट्रोलियम डीलर्स के पास एक स्वतंत्र सिस्टम है जो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के दामों में बदलाव को देखती है।
उत्तर प्रदेश
बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।
बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन
भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी
चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।
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