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मोदी की प्रवासी भारतीयों से भारत को विकसित करने का अपील

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विदेश में नौकरी चाहने वाले भारतीयों के लिए कौशल कार्यक्रम : प्रधानमंत्री

 

बेंगलुरू | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रवासी भारतीयों से निवेश और अपनी विशेषज्ञता के योगदान के जरिए सबसे पहले भारत को विकसित करने का आग्रह किया। मोदी ने 14वें प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर कहा, “मेरे लिए एफडीआई का मतलब ‘फर्स्ट डेवलप इंडिया थ्रू फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट’ (सबसे पहले भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिए विकसित करना) है, जो प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) और भारतीय मूल के लोगों (पीआईओ) के लिए पूरी तरह से लचीला बनाया जा चुका है और जो घरेलू कंपनियों के समान लाभ उठा सकते हैं।”

इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मोदी ने सरकारी कार्यक्रमों जैसे डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, स्वच्छ भारत और नमामि गंगे में भाग लेकर देश के चौतरफा विकास में प्रवासियों की भागीदारी का आह्वान किया।

मोदी ने 40 मिनट के हिंदी व अंग्रेजी के अपने संबोधन में कहा कि प्रवासी भारतीय हमारी प्रमुख योजनाओं को लागू करने, उनसे जुड़े रह कर और अपना समय और ऊर्जा देकर भारत की तरक्की में योदगान कर सकते हैं।

मोदी ने कहा, “प्रतिभा का पलायन (ब्रेन ड्रेन) देश के लिए नुकसानदेह समझा जाता है क्योंकि भारतीय बेहतर जीवन और नौकरी की तलाश में विदेश चले जाते हैं, लेकिन मेरे लिए और मेरी सरकार के लिए यह प्रतिभा का पलायन नहीं बल्कि प्रतिभा को पाना (ब्रेन गेन) है क्योंकि वे विकास के संबंध में हमारी सहायता कर सकते हैं।”

प्रधानमंत्री ने विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए ‘प्रवासी कौशल विकास योजना’ को जल्द ही शुरू करने की बात कही।

मोदी ने विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों से अपने पीआईओ कार्ड को ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड में जल्द से जल्द परिवर्तित कराने की अपील की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई प्रक्रियाओं पर काम किया जा रहा है ताकि भारतवंशियों के वारिस, खासकर फिजी, सूरीनाम, गुयाना और कैरेबियाई देशों में रह रहे भारतवंशियोंकी चौथी-पांचवीं पीढ़ी ओसीआई कार्ड पाने के लिए योग्य पात्र बन सके।

उन्होंने कहा कि सरकार पासपोर्ट का रंग देखने के बजाय रक्त संबंधों को ज्यादा अहमियत देती है।

दक्षिण अफ्रीका से महात्मा गांधी के लौटने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह दिन सबसे महान प्रवासियों में से एक की भारत वापसी को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता प्रतिभा पलायन (ब्रेन ड्रेन) को प्रतिभा पाने (ब्रेन गेन) के रूप में परिवर्तित करना है।

प्रधानमंत्री के मुताबिक, प्रवासी भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों ने बेहतरीन योगदान दिया है। इनमें बड़े कद के नेता, प्रसिद्ध वैज्ञानिक, बेहतरीन चिकित्सक, मेधावी शिक्षाविद्, अर्थशास्त्री, पत्रकार, इंजीनियर, बैंकर्स और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ शामिल हैं।

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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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