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विधायकों संग 6 बजे राष्ट्रपति से मिलेंगे नीतीश
नई दिल्ली/पटना| जनता दल (युनाइटेड) में चरम पर पहुंचा घमासान अब और तेज होने की राह पर है। बुधवार को जहां पटना उच्च न्यायालय द्वारा नीतीश को विधायक दल का नेता चुने जाने की वैधता पर रोक की खबर सामने आई, वहीं मंगलवार शाम को दिल्ली पहुंचा जद (यू) विधायकों व समर्थक दलों के विधायकों का दल शाम छह बजे राष्ट्रपति से मिलने जा रहा है।
राज्यपाल से संतोषप्रद फैसला नहीं मिलने और इसी बीच पटना उच्च न्यायालय से विपरीत आदेश सुनाए जाने के कारण नीतीश समर्थक गुट में अब उबाल देखा जा रहा है।
नीतीश समर्थक गुट ने पहले से ही पटना से दिल्ली पहुंच कर राष्ट्रपति से मिलने और सभी समर्थक विधायकों की परेड कराने का फैसला ले लिया था।
जद(यू) सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद के साथ जद(यू), राजद, कांग्रेस व अन्य दलों के 130 विधायक नई दिल्ली के 7 तुगलक रोड स्थित शरद यादव के आवास पर शाम छह बजे एकत्र होंगे और वहां से राष्ट्रपति भवन के लिए कूच करेंगे।
नीतीश ने कहा था कि यदि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इस्तीफा नहीं देते हैं और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से संतोषप्रद उत्तर नहीं मिलता है तो उस स्थिति में उनका गुट राष्ट्रपति के सामने विधायकों की परेड कराएगा और लोकतांत्रिक स्थिति बहाल करने की गुहार लगाएगा।
इस बीच, पटना उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने बुधवार को विधायक राजेश्वर राज की याचिका पर सुनवाई करते हुए नीतीश के जद (यू) विधायक दल का नेता चुने जाने पर रोक लगा दी है।
विधायक राज के अधिवक्ता एस़ बी़ क़े मंगलम ने बताया है कि सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विधायक दल का नेता चुने जाने के मुद्दे पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
बहरहाल, गणित के हिसाब से 243 सदस्यों वाली विधानसभा में अभी 10 सीटें खाली हैं। सदस्यों की संख्या 233 है। ऐसे में बहुमत के लिए कम से कम 117 विधायकों का समर्थन चाहिए और सामान्य बहुमत के लिए 122 विधायकों का समर्थन अनिवार्य है। ऐसे में 130 विधायकों के साथ नीतीश मौजूदा और अनिवार्य समर्थन के हिसाब से मजबूत स्थिति में हैं।
मांझी गुट एक दर्जन से ज्यादा जद(यू) विधायकों के समर्थन होने का दावा कर रहा है। उनकी आंख भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) पर टिकी है, लेकिन भाजपा के पास 88 विधायक है और उन्हें तीन निर्दलीयों का भी समर्थन है।
इस बीच भाजपा ने मांझी को समर्थन नहीं देने का संकेत दे दिया है।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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