नेशनल
विनोद कुमार को मिला ‘हीरोज ऑफ ओला’ सम्मान
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| परिवहन मोबाइल एप ओला ने सोमवार को ‘हीरोज ऑफ ओला’ सम्मान की शुरुआत की। पहला ‘हीरोज ऑफ ओला’ सम्मान ओला के ड्राइवर पार्टनर विनोद कुमार को दिया गया। विनोद कुमार ने जाम में फंसी एम्बुलेंस के लिए रास्ता साफ करने में अपने दिमाग का बेहतरीन इस्तेमाल किया, जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया। कंपनी ने एक बयान में कहा कि ‘हीरोज ऑफ ओला’ सम्मान एक बहु-शहरी कार्यक्रम है, जहां ड्राइवर पार्टनर्स को उत्कृष्ट ग्राहक सेवा के लिए सम्मानित किया जाएगा। ‘हीरोज ऑफ ओला’ का चुनाव ग्राहकों के फीडबैक के आधार पर किया गया जो ओला को विभिन्न संवादपरक माध्यमों, जैसे सोशल मीडिया, ईमेल और इन-एप फीडबैक से प्राप्त हुई थी।
यह सम्मान मिलने पर विनोद कुमार ने कहा, मैं उपभोक्ताओं का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मेरी सेवा को सराहा। ड्राइवर पार्टनर के रूप में, मैं मानता हूं कि मैं अपने उपभोक्ताओं और सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हूं। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बड़े सम्मान की बात है कि इतने बड़े मंच पर गुरुग्राम पुलिस ने मुझे सम्मानित किया। मैं ओला को धन्यवाद करता हूं और अपने साथी चालक साझेदारों से आग्रह करता हूं कि वे अपने उपभोक्ताओं और समुदाय की हर अवसर पर सेवा करें।
यहां आयोजित एक कार्यक्रम में गुरुग्राम यातायात पुलिस, सड़क सुरक्षा अधिकारी (आरएसओ), गुरुग्राम और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने विनोद कुमार को उनके परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में सम्मानित किया।
ओला के वरिष्ठ निदेशक नितेश प्रकाश ने कहा, ‘हीरोज ऑफ ओला’ के साथ, हम अपने 9 लाख ड्राइवर पार्टनर्स के बीच सेवा की संस्कृति विकसित करना चाहते हैं और ये प्रेरणाप्रद कहानियां पूरी दुनिया को सुनाना चाहते हैं।
गुरुग्राम यातायात पुलिस के एसीपी (हाईवे) हीरा सिंह ने कहा, यह देखकर अच्छा लगता है कि ओला जैसी कॉरपोरेट कंपनियां अपने ड्राइवर पार्टनर्स के स्वार्थविहीन और श्रेष्ठ कामों को पहचानने के लिए ऐसी पहलें करती हैं। ऐसे समय में, जब हम सहानुभूति और नुकसान के समाचार से घिरे होते हैं, तो इस तरह की पहल अच्छाई और नेकी की लगातार याद दिलाती है, जो अब भी हमारे बीच बची हुई है। हमें उम्मीद है कि यह कार्यक्रम समाज के लिए एक मानदंड स्थापित करेगा और बड़े पैमाने पर लोगों को सहयोग और करुणा के प्रसार के लिए प्रेरित करेगा।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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