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विरोध के स्वर को कुचल रही है मोदी सरकार : कांग्रेस
नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)| कांग्रेस ने मंगलवार को मोदी सरकार पर ‘विरोध के स्वर को कुचलने’ का आरोप लगाते हुए पिछले तीन वर्षो के सरकार के प्रदर्शन पर निशाना साधा और उसे ‘टीवी पर हीरो और जमीनी रूप से जीरो’ करार दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी कार्यसमिति की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार युवाओं और किसानों सहित विभिन्न वर्गो के लिए अपने वादे पूरे करने में नाकाम रही है।
आजाद ने कहा कि विरोध के स्वरों को कुचलने के लिए सरकारी मशीनरी का प्रयोग किया जा रहा है।
आजाद ने कहा, राजनीतिक पार्टियां हों, प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सरकार विरोध के स्वर का सम्मान नहीं करती। ऐसा लगता है कि वह लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती।
सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता की।
आजाद के साथ कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक, ए. के. एंटोनी और पी. चिदंबरम भी थे।
उन्होंने कहा कि सरकार भले ही अपने तीन वर्षो का जश्न मनाए और टीवी पर खुद को बधाई दे, लेकिन उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
आजाद ने कहा, यह नारेबाजी और प्रचार की सरकार है। यह टीवी पर हीरो और जमीनी रूप से जीरो है।
आजाद ने कहा कि दलितों, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्गो में डर का माहौल है।
उन्होंने एनडीटीवी नेटवर्क के सह संस्थापक प्रणय रॉय के घर पर सीबीआई के छापे को लेकर कहा, यहां तक कि सरकार की हां में हां न मिलाने वाले मीडिया के साथ भी क्या किया जाता है, यह हम कल (सोमवार को) देख चुके हैं।
आजाद आईसीआईसीआई बैंक को 48 करोड़ रुपये का घाटा पहुंचाने को लेकर रॉय, उनकी पत्नी राधिका और एक निजी कंपनी के खिलाफ सीबीआई द्वारा मामला दर्ज करने और दक्षिणी दिल्ली और देहरादून में स्थित उनके घरों पर छापा मारने का जिक्र कर रहे थे।
उन्होंने कहा, कल (सोमवार को) हमने बेशर्मी देखी। कुछ लोग बैकों का हजारों करोड़ लेकर चंपत हो गए, उन 50 करोड़ रुपयों में क्या था जिसने सरकार को बेचैन कर दिया?
आजाद ने कहा कि महिलाएं इस देश में सुरक्षित महसूस नहीं कर रहीं। इतना ही नहीं, भाजपा नेता हर साल दो करोड़ रोजगार सृजन करने की बातें कर रहे थे, लेकिन असल में युवाओं की नौकरियां छिन रही हैं।
उन्होंने कहा कि हर साल देश में बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, उनके वादे झूठे साबित हुए।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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