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विश्व कप : जिम्बाब्वे ने यूएई को 4 विकेट से हराया
नील्सन | सीन विलियम्स (नाबाद 76) और क्रेग इरविन (42) की ताबड़तोड़ पारियों की बदौलत जिम्बाब्वे ने गुरुवार को सैक्स्टन ओवल मैदान पर हुए आईसीसी विश्व कप-2015 के अपने दूसरे और कुल आठवें मैच में यूएई को चार विकेट से मात दे दी। जिम्बाब्वे ने यूएई से मिले 286 रनों के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को 12 गेंद शेष रहते छह विकेट खोकर हासिल कर लिया।
एक समय 32.4 ओवरों में 167 रन पर पांच विकेट खोकर लड़खड़ाती नजर आ रही जिम्बाब्वे को विलियम्स और इरविन ने छठे विकेट के लिए आठ से भी अधिक के औसत से 83 रन जोड़कर जीत की ओर अग्रसर किया। विलियम्स अंत तक क्रीज पर डटे रहे और 65 गेंदों में सात चौके तथा एक छक्का लगाकर उन्होंने मैच जिताऊ पारी खेली। लक्ष्य का पीछा करने उतरे जिम्बाब्वे को सिकंदर रजा (46) और रेगिस चकाब्वा (35) की सलामी जोड़ी ने 64 रनों की साझेदारी कर सधी शुरुआत दिलाई। यूएई के कप्तान मोहम्मद तौकीर ने 13वें ओवर की आखिरी गेंद पर सिंकदर को कृष्ण चंद्रन के हाथों कैच कराकर इस सलामी जोड़ी को तोड़ा। 44 गेंदों में छह चौके और एक छक्का लगाने वाले सिकंदर चार रन से अर्धशतक से चूक गए।
सिकंदर के बाद बल्लेबाजी करने उतरे जिम्बाब्वे के अनुभवी बल्लेबाज हेमिल्टन मसाकाद्जा (1) को अमजद जावेद ने पूरी तरह बीट कर दिया और मसाकाद्जा पगबाधा करार दिए गए। जिम्बाब्वे को हालांकि इसके बाद पूर्व कप्तान ब्रेंडन टेलर (47) ने संभाल लिया और चकाब्वा के साथ तीसरे विकेट के लिए 40 रनों की साझेदारी निभाई। 62 गेंदों में चार चौके लगाकर संयमभरी पारी खेलने के बाद चकाब्वा तीसरे विकेट के रूप में 112 के कुल योग पर हिट विकेट हो पवेलियन लौटे। टेलर ने तेज पारी खेलते हुए 44 गेंदों में पांच चौके और एक छक्का लगाया तथा नासिर अजीज की गेंद पर 144 के कुल योग पर पगबाधा हो पवेलियन लौटे। सोलोमन मायर (9) भी टेलर के पीछे-पीछे जल्द ही आउट हो चल दिए और 32.4 ओवरों में 167 रनों पर पांच विकेट गंवा चुकी जिम्बाब्वे थोड़ी लड़खड़ाती नजर आने लगी।
इसके बाद लेकिन विलियम्स और इरविन ने ताबड़तोड़ साझेदारी कर टीम को उबार लिया। इरविन ने 32 गेंदों में दो चौके और दो छक्के लगाए और पवेलियन लौटने वाले जिम्बाब्वे के आखिरी बल्लेबाज रहे। इससे पहले, टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरे यूएई के बल्लेबाजों ने एकजुट प्रदर्शन के बल पर निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट खोकर 285 रनों का अपना सर्वोच्च स्कोर हासिल किया। शाइमान अनवर (67) यूएई के एकमात्र अर्धशतक लगाने वाले बल्लेबाज रहे, हालांकि खुर्रम खान (45), कृष्ण चंद्रन (34) और स्वप्निल पाटिल (32) ने भी अहम योगदान दिए। शुरुआती 11 ओवरों में यूएई दो विकेट गंवा चुका था। दूसरे ओवर की पहली ही गेंद पर विकेट के पीछे जीवनदान पाने वाले एंड्री बेरेंगर (22) खास लाभ नहीं उठा सके और दूसरे विकेट के रूप में 40 के कुल योग पर पवेलियन लौट गए।
कृष्ण चंद्रन (34) और खुर्रम खान (45) के बीच तीसरे विकेट के लिए हुई 82 रनों की साझेदारी ने यूएई को जरूर स्थिरता प्रदान की। सोलोमन मायर ने इस साझेदारी को तोड़ा। चंद्रन 63 गेंदों में तीन चौके लगाने के बाद कप्तान एल्टन चिगुंबरा को कैच थमा पवेलियन लौटे। चंद्रन के जाने के थोड़ी ही देर बाद खुर्रम खान भी तेंदई चतारा का शिकार हो गए। खुर्रम का कैच सीन विलियम्स ने लपका। 43 वर्षीय खुर्रम ने थोड़ा खुलकर हाथ दिखाए और 55 गेंदों की अपनी पारी में छह चौके जड़े। इसके बाद पांचवें विकेट के लिए एक बार फिर स्वप्निल और अनवर के बीच 82 रनों की अहम साझेदारी हुई, जिसकी बदौलत यूएई 200 का आंकड़ा पार कर गया। दोनों ही बल्लेबाजों ने शानदार अंदाज में खेलते हुए 7.13 के औसत से ये रन बटोरे।
स्वप्निल का विकेट सीन विलियम्स ने 42वें ओवर की चौथी गेंद पर रेगिस चकाब्वा के हाथों कैच कराकर लिया। स्वप्निल के बाद बल्लेबाजी करने आए रोहन मुस्तफा (4) कुछ खास नहीं कर सके और जल्द ही पवेलियन लौट गए। अर्धशतक बनाकर अच्छी लय में खेल रहे अनवर का विकेट भी विलियम्स ने चटकाया। अनवर ने 50 गेंदों में नौ चौके और एक छक्का लगाया। अनवर के बाद अमजद जावेद (नाबाद 25) और मोहम्मद नवीद (नाबाद 23) ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए आखिरी 35 गेंदों में 53 रन जोड़ डाले और यूएई को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया। यूएई के कुल योग में जिम्बाब्वे द्वारा अतिरिक्त के रूप में लुटाए गए 26 रन भी शामिल हैं। जिम्बाब्वे के कप्तान चिगुंबरा ने आठ गेंदबाजों का इस्तेमाल किया, हालांकि सफलता सिर्फ चतारा, विलियम्स और मायर को मिली। चतारा ने तीन जबिक मायर और विलियम्स ने दो-दो विकेट चटकाए।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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