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बिजनेस

विश्व कप से आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था में तेजी

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मेलबर्न,आईसीसी क्रिकेट विश्व कप,मेजबान देशों आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड,अर्थव्यवस्था

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मेलबर्न | इसी वर्ष फरवरी और मार्च में आईसीसी क्रिकेट विश्व कप मेजबान देशों आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के लिए सबसे बड़ा खेल आयोजन रहा और इसके कारण दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में काफी तेजी आई है। अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च संस्था प्राइसवाटरहाउसकूपर्स द्वारा दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव एवं लाभ के लिए किए गए विश्लेषण से मिले नतीजों के अनुसार, आईसीसी विश्व कप-2015 के कारण सीधे-सीधे 1.1 अरब डॉलर खर्च हुए, जो 8,320 पूर्णकालिक नौकरियों के सृजन के समान है।

टूर्नामेंट के दौरान मेजबान शहरों में कुल 1,016,420 लोगों ने भ्रमण किया जिसमें से 295,000 अंतर्राष्ट्रीय एवं अंतर्राज्यीय दर्शकों ने पहली बार मेजबानों शहरों की यात्रा की। इनमें आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की पहली बार यात्रा करने वाले दर्शकों की संख्या 145,000 रही, जिसके कारण दोनों देशों में पर्यटन को काफी लाभ मिला। दोनों देशों में एशिया से आने वाले पर्यटकों की यह सर्वाधिक संख्या रही। टूर्नामेंट को पूरी दुनिया में 1.5 अरब लोगों ने देखा। अकेले आस्ट्रेलिया में टूर्नामेंट पर सीधे-सीधे 78.5 करोड़ डॉलर खर्च हुए, जो 6,000 पूर्णकालिक नौकरियों के सृजन के बराबर है। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय पर्यटकों द्वारा विभिन्न होटलों में 14.9 लाख बिस्तरों का इस्तेमाल किया गया और उन्होंने 52 करोड़ डॉलर खर्च किए।

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में विश्व कप के फाइनल मैच को 93,013 दर्शक देखने पहुंचे, जो किसी क्रिकेट मैच में इकट्ठी होने वाली दर्शकों की सर्वाधिक संख्या है। विश्व कप के मुख्य कार्यकारी जॉन हार्नडेन ने कहा कि टूर्नामेंट पर सीधे-सीधे खर्च हुए 1.1 अरब डॉलर ने दोनों देशों की 46 करोड़ डालर के सकल घरेलू उत्पाद में सीधे-सीधे बढ़ोतरी की।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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