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खेल-कूद

भारत-पाक मुकाबला : कोहली का शतक, भारत ने बनाए 300 रन

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एडिलेड। खराब दौर से उबरने के बाद विश्व कप में अपना पहला शतक लगाने वाले विराट कोहली (107) और शिखर धवन (73) तथा सुरेश रैना (74) की उम्दा अर्धशतकीय पारियों की मदद से भारत ने रविवार को एडिलेड ओवल मैदान पर जारी आईसीसी विश्व कप-2015 के अपने पहले पूल मैच में पाकिस्तान के सामने 301 रनों का लक्ष्य रखा। भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट पर 300 रन बनाए। भारत और भी अच्छा स्कोर खड़ा कर सकता था लेकिन कोहली के आउट होने के बाद बल्लेबाज उस समझदारी का परिचय नहीं दे सके, जिसके जरिए वे तेजी से रन बटोर सकते थे। कोहली का विकेट 273 रन पर गिरा था और उसके बाद से भारत ने पांच ओवरों में माज्ञ 27 रन जोड़े और पांच अहम विकेट गंवा दिए।

विकेट हाथ में होना भारत के लिए अच्छा संकेत था क्योंकि ऐसी स्थिति में बल्लेबाज खुलकर रन बटोर सकते थे लेकिन भारत के लिए ऐसा नहीं हो सका। पाकिस्तान ने पारी के मध्य में जो कुछ खोया था, उसे उसने अंतिम घंटे में हासिल कर लिया और भारत को 300 रनों पर सीमित कर दिया, जबकि भारत कम से कम 325 का योग हासिल कर सकता था।

भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उसका यह फैसला सही साबित होता दिखा क्योंकि रोहित शर्मा (15) और धवन अच्छी लय में नजर आ रहे थे। खासतौर पर रोहित ज्यादा अच्छी लय में थे क्योंकि धवन पर अच्छी पारी खेलने का दबाव था। वह उस दबाव में दिख रहे थे लेकिन रोहित पर किसी प्रकार का दबाव नहीं था। इसके बावजूद रोहित ने 34 के कुल योग पर वह गलती की, जिसकी उनसे उम्मीद नहीं थी। सोहेल खान की एक गेंद को पुल करने प्रयास में मिस्बाह को एक आसान कैच दे बैठे। रोहित ने 20 गेंदों पर दो चौके लगाए।

इसके बाद हालांकि धवन और कोहली ने भारत को मैच में वापसी कराने का काम किया। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 129 रनों की साझेदारी की। 163 के कुल योग पर धवन एक रन चुराने के प्रयास में आपसी गलतफहमी का शिकार हुए और रन आउट हो गए। इस तरह उनकी 76 गेंदों की उम्दा पारी का अंत हुआ। धवन ने धवन ने 76 गेंदों का सामना कर सात चौके और एक छक्का लगाया।

धवन के आउट होने के बाद कोहली का साथ देने रैना आए। रैना को इसलिए भेजा गया क्योंकि वह रन गति में तेजी ला सकें। रैना ने यह काम बखूबी किया और कोहली के साथ 15.3 ओवरों में 7.09 के औसत से तीसरे विकेट के लिए 110 रन जोड़े। कोहली का विकेट 273 के कुल योग पर गिरा। विश्व कप में अपना पहला तथा भारत के लिए 22वां शतक लगाने वाले कोहली ने 126 गेंदों का सामना कर आठ चौके लगाए।
कोहली का स्थान लेने आए कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (18) खुलकर हाथ नहीं दिखा पा रहे थे, लिहाजा यह जिम्मेदारी रैना को लेनी थी। रैना इसी प्रयास में 284 के कुल योग पर कैच आउट हो गए। रैना ने 56 गेंदों का सामना कर पांच चौके और तीन छक्के लगाए।

इसके बाद भारत ने 296 के कुल योग पर रवींद्र जडेजा (3), धौनी और अजिंक्य रहाणे (0) के विकेट गंवाए। जडेजा को वहाब रियाज ने बोल्ड किया जबकि धौनी और रहाणे को सोहेल खान ने आउट किया। इस तरह खान ने अपनी टीम की हैट्रिक पूरी की। खान ने इस मैच में कुल पांच विकेट लिए जबकि रियाज ने एक सफलता हासिल की।

उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच आ तक विश्व कप में पांच मुकाबले हुए हैं और पांचों ही मौकों पर भारत विजयी रहा है। यह पहला मौका होगा, जा भारत विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ सचिन तेंदुलकर के बगैर खेल रही है। इस मैच को दर्शक संख्या के लिहाज से विश्व क्रिकेट का आ तक का सबसे बड़ा मैच कहा जा रहा है। इसे संचार के विभिन्न माध्यमों के जरिए एक अरब लोग देखेंगे। इससे पहले 2011 में मोहाली में हुए भारत-पाक मुकाबले को 98 करोड़ लोगों ने देखा था।

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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