Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

वृंदावन के बच्चे बनाएंगे मास्टर प्लान

Published

on

Loading

वृंदावन| वृंदावन के बच्चे यहां एक कार्यशाला में शहर के लिए एक विशेष मास्टर प्लान बनाएंगे, जिसे राज्य सरकार से लागू करने का अनुरोध किया जाएगा।

एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) फ्रेंड्स ऑफ वृंदावन के संयोजक जगन्नाथ पोद्दार ने आईएएनएस से कहा, “हम प्रथा बदलना चाहते हैं। अब तक नौकरशाह और नेता अपने विचार हम पर थोपते रहे हैं। अब समय आ गया है कि लोग खुद अपने भविष्य के लिए योजना बनाएं।”

पोद्दार ने कहा, “हाल के वर्षो में वृंदावन की पारिस्थितिकी, संस्कृति और विरासत का काफी तेजी से क्षरण हुआ है। हम चुपचाप अपने शहर के क्षरण को देखते नहीं रह सकते।”

बच्चों द्वारा तैयार किया जाने वाला मास्टर प्लान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा जाएगा।

सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता मधु मंगल शुक्ला ने आईएएनएस से कहा, “श्रीकृष्ण को बच्चों से काफी लगाव था। बच्चों को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए।”

कार्यशाला धौरेरा के वृंदावन पब्लिक स्कूल में आयोजित किया जाएगा। इसमें संविद गुरुकुलम, भक्तिवेदांत गुरुकुलम और इंटरनेशनल स्कूल और वृंदावन पब्लिक स्कूल बच्चे हिस्सा लेंगे।

राज्य सरकार वृंदावन को मथुरा में मिलाकर स्थानीय निकाय को नगर निगम बनाना चाहती है। इससे श्रीकृष्ण भक्ति की वृंदावन विरासत के सामने खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय लोग सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं।

वृंदावन विरासत के मुखर समर्थक आचार्य श्रीवत्स स्वामी ने आईएएनएस से कहा, “विलय एक संवेदनशील मुद्दा है और वृंदावन के लोग हड़बड़ी में उठाए जा रहे इस कदम का विरोध कर रहे हैं”

उन्होंने कहा, “यमुना और उसके ऐतिहासिक घाट की स्थित मृतप्राय हो चुकी है। घने जंगल लुप्त हो चुके हैं और पुरानी हवेली और मंदिरों का अस्तित्व खतरे में है।”

शुक्ला ने कहा, “अब मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने नदी के बीचोबीच एक पुल का निर्माण शुरू किया है। यह पुल नदी पार करने के लिए नहीं, बल्कि नदी के समानांतर है। सौभाग्य से न्यायिक हस्तक्षेप से इसका निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है। लेकिन कब तक?”

शहर में एक सबसे ऊंचे श्रीकृष्ण मंदिर, आलीशान बंगले, हेलीपैड व विशाल पार्किं ग स्थल बनाए जाने की योजना है।

डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट वृंदावनटुडे डॉट ऑर्ग के संपादक और श्रीकृष्ण भक्त जगदानंद दास ने आईएएनएस से कहा, “लेकिन क्या इन सब चीजों से इस आध्यात्मिक नगरी के माहौल में फिर से वही खुशियां वापस आ पाएंगी? क्या ये इस भूमि की विशिष्ट विरासत की रक्षा कर पाएंगे और चारो ओर व्याप्त बदबू को दूर कर पाएंगे? ये ऐसे सवाल हैं, जो योजनाकारों को खुद से पूछना चाहिए।”

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending