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आध्यात्म

वृंदावन : चंद्रोदय मंदिर की आधारशिला रखेंगे राष्ट्रपति

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मथुरा/वृंदावन| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी रविवार को वृंदावन में चंद्रोदय मंदिर की आधारशिला रखेंगे। भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र नगरी मथुरा में विश्व का सबसे ऊंचा चंद्रोदय मंदिर अपनी बेहतरीन नक्काशी और शिल्पकला से दुनियाभर में जाना जाएगा। इस मंदिर को सिर्फ कंकरीट, शीशे एवं दुर्लभ कीमती पत्थरों से बनाया जाएगा। मंदिर के निर्माण पर 300 करोड़ रुपये की लागत लगने का अनुमान है। मंदिर के केंद्र में भगवान श्रीकृष्ण की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह मंदिर प्राचीन और आधुनिक वास्तुकला का अभूतपूर्व संगम होगा। pranab mukherjee

70 मंजिला यह मंदिर जल्द साकार रूप लेगा। आध्यात्म के इस अद्भुत केंद्र की ऊंचाई 700 फीट (210 मीटर) होगी, जो 65 एकड़ जमीन पर बनाया जा रहा है। मंदिर के चारों तरफ कृत्रिम पहाड़ियां एवं वन होंगे। इसमें बृज के 12 वन क्षेत्र (द्वादश कानन) शामिल होंगे। चंद्रोदय मंदिर परिसर में भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर एक संग्रहालय भी बनेगा।

व्रत एवं त्यौहार

CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं

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मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।

छठ पूजा क्यों मनाते है ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.

छठ पर्व के 4 दिन

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण

 

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