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वोट के बदले नोट मामले में तेदेपा नेता से पूछताछ

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हैदराबाद | तेलंगाना के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने ‘वोट के बदले नोट’ मामले में अपनी जांच तेज करते हुए बुधवार को तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के वी.नरेंद्र रेड्डी से पूछताछ की, वहीं मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफन्सन ने दंडाधिकारी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। एसीबी अधिकारियों ने नरेंद्र रेड्डी से करीब छह घंटे पूछताछ की और शाम को उन्हें जाने की इजाजत दी गई। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि वह जांच में पूरी तरह सहयोग करने को तैयार हैं।

विधान परिषद चुनाव में तेदेपा-भाजपा उम्मीदवार रहे नरेंद्र रेड्डी ने कहा कि उन्हें तेलंगाना राष्ट्र समिति सरकार ने राजनीतिक षड्यंत्र के तहत आरोपी बनाया है।  जबकि एक अन्य नेता सांड्रा वेंकट वीरैया जांच एजेंसी के समक्ष अभी पेश नहीं हुए हैं, जिन्हें नरेंद्र रेड्डी के साथ सम्मन भेजा गया था। एसीबी ने मंगलवार शाम तेदेपा नेताओं वीरैया और नरेंद्र रेड्डी को नोटिस जारी किया था। वीरैया अपने आवास पर मौजूद नहीं थे, तो अधिकारियों ने उनके आवास के दरवाजे पर नोटिस चिपका दिया। तेदेपा विधायक ए.रेवंत रेड्डी को 31 मई को एसीबी ने गिरफ्तार किया था, जब वह विधायक एल्विस स्टीफन्सन को नरेंद्र रेड्डी के पक्ष में वोट करने के लिए 50 लाख रुपये की पेशकश कर रहे थे। स्टीफन्सन की शिकायत पर एसीबी ने जाल बिछाया था, जिसके तहत रेवंत और उनके सहयोगी सेबेस्तियन हैरी तथा उदय सिन्हा को सिकंदराबाद स्थित स्टीफन्सन के रिश्तेदार के फ्लैट से गिरफ्तार किया गया। एसीबी 50 लाख रुपये के स्रोत तथा पांच करोड़ रुपये के सौदे में 4.5 करोड़ रुपये का इंतजाम करने के संबंध में तीनों आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है। एसीबी ने नरेंद्र रेड्डी और वीरैया को रेवंत तथा दो आरोपियों के पेश किए गए आंकड़े का विश्लेषण करने के बाद बुलाया। स्टीफन्सन ने बुधवार को अदालत के सामने अपना बयान दर्ज कराया। उनकी बेटी जेसिका और फ्लैट के मालिक ने भी तीसरे महानगर अदालत में अपना बयान दर्ज कराया।

पुलिस ने अदालत के अंदर और बाहर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम कर रखे थे। स्टीफन्सन विधानसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। एसीबी नरेंद्र रेड्डी से की गई पूछताछ तथा स्टीफन्सन तथा अन्य के बयानों के आधार पर इस मामले में आगे बढ़ सकती है। एसीबी तेदेपा अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू और पार्टी के दो अन्य सांसदों को भी नोटिस जारी करने की तैयारी में है। चंद्रबाबू नायडू और स्टीफन्सन के बीच टेलीफोन पर बातचीत का कथित ऑडियो टेप विभिन्न टेलीविजन चैनलों पर सात जून को जारी हुआ था। तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सरकार ने इस घोटाले के पीछे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का हाथ होने का आरोप लगाया है। तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक अनुराग शर्मा, एसीबी प्रमुख ए.के.खान और हैदराबाद के पुलिस आयुक्त महेंद्र रेड्डी ने बुधवार को मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव से मुलाकात की।लगातार दूसरे दिन राव ने राज्यपाल ई.एस.एल.नरसिम्हन से मुलाकात की। हैदराबाद उच्च न्यायालय रेवंत की जमानत याचिका पर सुनवाई 24 जून को करेगा। आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक भी बुधवार को हुई, जिसकी अध्यक्षता नायडू ने की। माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान वोट के बदले नोट मामले पर चर्चा हुई। मंत्रिमंडल में तेलंगाना एसीबी द्वारा नायडू को नोटिस भेजे जाने का जवाब देने की रणनीति पर चर्चा हुई।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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