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बिजनेस

वोडाफोन ने पेश किया नया प्लान, महिलाओं की प्राइवेसी का रखा जाएगा ख्याल

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नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन इंडिया ने एक नई स्कीम ‘वोडाफोन सखी’ पेश की है। इसके तहत महिलाएं बिना रिटेलर्स को अपना नंबर दिए रिचार्ज करा सकेंगी।

यह बिल्कुल मुफ्त सेवा है जिसके तहत महिलाएं रिटेलरों को अपना नंबर बताए बिना आसानी से सिम रिचार्ज कर सकती हैं। वोडाफोन प्राइवेट रिचार्ज का विकल्प अपनाने के लिए ग्राहकों को 12604 पर Private लिखकर भेजना होगा।

यह एक टोल फ्री नंबर है। इससे यूजर के पास ओटीपी कोड आएगा। इस ओटीपी के जरिए 24 घंटे के अंदर सभी रिचार्ज कराए जा सकते हैं। ओटीपी में मिलने वाले कोड के जरिए ग्राहक उस दिन आधी रात तक किसी भी मल्टी-ब्रांड आउटलेट से फोन रिचार्ज करा सकेंगे।

‘वोडाफोन सखी’ सेवा पूरे यूपी वेस्ट और उत्तराखण्ड में उपलब्ध होगी। यह ऑफर 52 रुपए के किफायती मूल्य से उपलब्ध है, ताकि सभी सामाजिक-आर्थिक वर्गों की महिलाएं इसका लाभ उठा सकें।

कंपनी ने अपने बयान में कहा, “वोडाफोन इंडिया ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने की शुरुआत करते हुए ‘वोडाफोन सखी’ योजना पेश की है। ताकि ग्रामीण भारत से महिलाओं डिजिटल क्रांति के मामले में सबसे आगे निकलें, उन्हें सशक्त बनाया जा सके और वह अपने प्रियजनों के साथ जुड़ी रह पाएं।”

वोडाफोन इंडिया के व्यापार प्रमुख (यूपी वेस्ट सर्कल) दिलिप कुमार गंटा ने कहा कि हमारा मानना कि उपभोक्ता की सुरक्षा और गोपनीयता बेहद महत्वपूर्ण है। हम एक डिजिटल दुनिया की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं और स्मार्टफोन आज डेटा स्टोरेज के लिए महत्वपूर्ण डिवाइस बन चुके हैं, ऐसे में लोगों के लिए अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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