नेशनल
व्यापमं घोटाला : हर मौत से गहराता रहस्य
मध्यप्रदेश का व्यापमं घोटाला पूरे देश में सुर्खियों में है। दिल्ली के खोजी पत्रकार अक्षय सिंह की शनिवार को झाबुआ में और कुछ ही अंतराल के बाद रविवार को जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरुण शर्मा की दिल्ली में मौत ने सबको चौंका दिया। वहीं सोमवार तड़के भिंड निवासी ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अनामिका कुशवाहा का तैरता शव सागर में मिलने से रहस्य गहराता जा रहा है।
कई दिनों से परेशान अनामिका ने 2014 में ही व्यापमं से चयनित हुई थी। अभी तक ज्ञात लगभग 48 मौतों से मामला बेहद गहराया हुआ है। बेहतर भविष्य का सपना लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के तहत सरकारी नौकरियों और मेडिकल कॉलेजों में दाखिला के लिए घोटाले कर अपात्र धनवानों, राजनेताओं और ऊंची पहुंच के दम पर बिना काबिलियत बड़े मुकाम पहुंचने का जरिया रहा व्यापमं घोटाला। घोटाले को लेकर हो रही जांच में दो दावे सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि उन्होंने सबसे पहले इसकी भनक लगते ही जांच के आदेश दिए, जबकि व्हिलसिल ब्लोअर आनंद राय का कहना है कि जनहित याचिका के बाद ही जांच एसटीएफ को सौंपी गई। बहुत पहले ही अलग-अलग थानों में करीब 300 प्रकरण पहुंच चुके थे।
बीते रविवार को इस पर एक किताब ‘व्यापमं गेट’ भी सामने आई जो पूर्व निर्दलीय विधायक पारस सकलेचा ने लिखी है। वह एक लाख किताब मुफ्त में बांटेंगे। इस किताब में घोटाले का सिलसिलेवार ब्योरा दिया गया है और एसटीएफ जांच पर सवाल खड़े किए गए हैं।
किताब में मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव, तत्कालीन पुलिस महानिदेशक से पूछताछ न होने पर हैरानी जताई गई है तथा एसटीएफ द्वारा घोटाले के लिए जो गिरोह बताया गया है। उसमें तब के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, मुख्यमंत्री के निजी सचिव प्रेम प्रसाद के साथ ही सुधीर शर्मा और डॉ. अजय शंकर मेहता का नाम है। लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी ओपी शुक्ला, व्यापम के नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, ऑनलाइन विभाग के हेड नितिन महिंद्रा पर मिलीभगत के चलते शिकंजा कसा जा चुका है।
इस घोटाले के तार राजभवन से भी जुड़ने का मामला भी पहले उजागर हो चुका है तथा सिफारिशों में राज्यपाल रामनरेश यादव, रहस्यमय परिस्थितियों में 24 मार्च को ही दिवंगत हो चुके उनके बेटे शैलेश यादव, ओएसडी धनराज यादव सहित एक केंद्रीय मंत्री और संघ के कुछ वरिष्ठों के नाम सहित सैकड़ों की संख्या में सरकारी मुलाजिमों के नाम सामने आए हैं।
अब तो व्यापम घोटाले में आरोपियों की जमानत भी फर्जी तरीके से लिए जाने के शक के चलते सागर जिला न्यायालय की स्पेशल कोर्ट ने जमानत कराने वाले लोगों के रिकॉर्ड कोर्ट में तलब कराने के आदेश दिए हैं। संदेह के बाद कुछ जमानदाता फरार भी हैं।
पूरे मामले में करीब 55 केस, 2530 आरोपी और 1980 गिरफ्तारियों सहित 3 हजार से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज है। व्यापम के जरिए बाबू से लेकर थानेदार और इंजीनियर से लेकर डॉक्टर बनाने का ठेका लिया जाता था जिसके लिए 5 से 50 लाख रुपयों की वसूली होती थी।
साफ है यह अकेले के बस का खेल नहीं था, गड़बड़झाले में व्यापम के पूरे सिस्टम के शामिल हुए बिना क्या मजाल जो एक भी भर्ती फर्जी हो जाए? लेकिन फजीर्वाड़ा इतना बड़ा होगा, किसी ने नहीं सोचा था। होनहार और पात्र लोगों के साथ अन्याय का खेल और प्रतिभाओं को हतोत्साहित करने के घिनौने काम में वे शामिल होंगे जिन पर ही उन्हें निखारने और सिस्टम को सुधारने की जिम्मेदारी है। उससे भी बड़ा सच अब यह है कि मामला सामने आते ही इससे जुड़े लोगों की रहस्यमय मौतें आखिर क्यों हो रही हैं और कब रुकेंगी?
क्या बड़ा, क्या छोटा, क्या अधिकारी, क्या पत्रकार यानी वो सब जो इससे जुड़े हैं या बेनकाब करने को तत्पर हैं, धड़ाधड़ क्यों मरते जा रहे हैं? मौतों के आंकड़े पहले से ही काफी ज्यादा हैं लेकिन मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में युवा खोजी पत्रकार अक्षय सिंह और घोटाले की कई जांचों में शामिल जबलपुर मेडिकल कॉलेज के दूसरे डीन डॉ. अरुण शर्मा की असामायिक मौत को किसी भी कीमत पर सहज नहीं माना जा सकता है।
डॉ. शर्मा भी कोई साधारण परिवार से नहीं थे जो डर जाते? वे मप्र के पूर्व मंत्री, बालाघाट के सांसद सहित मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके नंदकिशोर शर्मा के बेटे हैं। मध्यप्रदेश का व्यापम घोटाला उस रहस्यमय ‘बरमूडा ट्राइएंगिल’ सा बनता जा रहा है, जिसका राज जानने वाला या कोशिश करने वाला ऐसी मौत मरता है जो खुद ही राज बन जाती है!
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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