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व्यापमं नष्ट कर चुका है परीक्षा सामग्री, जांच बड़ी चुनौती

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भोपाल| मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के लिए सबसे बड़ी चुनौती परीक्षा सामग्री की अनुपलब्धता बन सकती है, क्योंकि व्यापमं कई ऐसी परीक्षाओं की सामग्री को ‘रद्दी’ करार देते हुए नष्ट कर चुका है, जो परीक्षाएं संदिग्ध रही हैं। व्यापमं के पास वर्ष 2008 से पहले की किसी परीक्षा की सामग्री नहीं है।

राज्य में प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी), प्रीपीजी सहित कई अन्य प्रवेश परीक्षाओं सहित सरकारी विभागों की भर्ती परीक्षाएं (पीएससी के पदों को छोड़कर) व्यापमं द्वारा आयोजित की जाती हैं। इन परीक्षाओं में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद इस समय जांच सीबीआई के पास है। सीबीआई 13 प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है।

सामाजिक कार्यकर्ता अमूल्य निधि का कहना है कि परीक्षाओं से संबंधित सामग्री का उपलब्ध न होना आने वाले समय में सीबीआई के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। व्यापमं घोटाले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले अभय चोपड़ा को मिले दस्तावेजों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि व्यापमं के पास वर्ष 2008 से पहले की किसी परीक्षा से संबंधित सामग्री, मसलन प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाएं उपलब्ध नहीं हैं।

व्यापमं के अध्यक्ष एम.एम. उपाध्याय ने भी आईएएनएस से कहा कि परीक्षा प्रक्रिया के पूरा होने के छह माह बाद परीक्षा सामग्री को सुरक्षित नहीं रखा जाता है। हां, अगर कोई मामला अदालत में हो तो जरूर सामग्री को सुरक्षित रखा जाता है।

व्यापमं मामले का खुलासा जुलाई, 2013 में हुआ था। बीते दो वर्षो में जो कार्रवाइयां हुई हैं, उनमें वर्ष 2009, 2010 में हुई परीक्षाओं में गड़बड़ियों के मामले भी सामने आए हैं। इतना ही नहीं, सीबीआई ने जो प्राथमिकी दर्ज की है, उसमें भी वर्ष 2010 और 2011 के मामले हैं। अब सवाल उठ रहा है कि अगर सीबीआई ने इन प्राथमिकी के आधार पर परीक्षा सामग्री देखना चाहा तो उसे उपलब्ध कैसे कराई जाएगी।

याचिकाकर्ता अभय चोपड़ा ने एसटीएफ की ओर से अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों का हवाला देते हुए आईएएनएस को बताया कि व्यापमं के नियंत्रक ने 21 जनवरी, 2014 को एसटीएफ को लिखित में बताया था कि उसके पास वर्ष 2008 की पीएमटी की उत्तर पुस्तिका व प्रश्नपत्र का ऊपरी पृष्ठ, रासा (ऑप्टिकल मार्क रिक्गनीशन) उपलब्ध है।

साथ ही बताया गया था कि वर्ष 2009 की प्री-पीजी और पीएमटी की उत्तर पुस्तिका, प्रश्नपत्र का ऊपरी पृष्ठ, वर्ष 2010 की प्रीपीजी और पीएमटी की उत्तर पुस्तिका, प्रश्नपत्र का ऊपरी पृष्ठ व रासा, वर्ष 2011 की पीएमटी, प्री-पीजी, संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग एक, दो व तीन की उत्तर पुस्तिका, प्रश्नपत्र, रासा व ऊपरी पृष्ठ उपलब्ध है।

वहीं वर्ष 2013 की सभी प्रवेश व भर्ती परीक्षाओं के उत्तर पुस्तिका, रासा व प्रश्नपत्र का ऊपरी पृष्ठ उपलब्ध है। इसके अलावा वर्ष 2012 की कुछ परीक्षाओं को छोड़कर शेष की उत्तर पुस्तिका, रासा व प्रश्नपत्र का ऊपरी पृष्ठ व्यापमं के पास है। आशय साफ है कि व्यापमं के पास वर्ष 2008 से पहले की कोई परीक्षा सामग्री उपलब्ध नहीं है।

ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने नौ जुलाई को व्यापमं की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने बीते सोमवार 13 जुलाई को भोपाल पहुंचकर जांच शुरू कर दी थी। सीबीआई अब तक कुल 13 प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है। वहीं इस घोटाले से जुड़ी 17 मौतों को जांच के दायरे में लिया है, जिसमें टी.वी. पत्रकार अक्षय सिंह की मौत भी शामिल है।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई से पहले जांच कर रहे एसटीएफ ने व्यापमं घोटाले में कुल 55 मामले दर्ज किए गए थे। 21 सौ आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, वहीं 491 आरोपी अब भी फरार हैं।

घोटाले की जांच के दौरान 48 लोगों की मौत हो चुकी है। एसटीएफ इस मामले के 12 सौ आरोपियों के चालान भी पेश कर चुका है। इस मामले का जुलाई 2013 में खुलासा होने के बाद जांच का जिम्मा अगस्त, 2013 में एसटीएफ को सौंपा गया था। फिर इस मामले को उच्च न्यायालय ने संज्ञान में लेते हुए पूर्व न्यायाधीश चंद्रेश भूषण की अध्यक्षता में अप्रैल, 2014 में एसआईटी बनाई, जिसकी देखरेख में एसटीएफ जांच कर रही थी, अब मामला सीबीआई के पास है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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