प्रादेशिक
शशिकला, दिनाकरन का निष्कासन हमारी पहली जीत : पन्नीरसेल्वम
चेन्नई | तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को कहा कि अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) से अलग होकर बने विरोधी गुट के दो शीर्ष नेताओं का पार्टी से निष्कासन उनके गुट की इस ‘धर्म युद्ध’ में पहली जीत है। पन्नीरसेल्वम ने एआईएडीएमके के सत्तारूढ़ गुट द्वारा महासचिव वी. के. शशिकला और उनके भतीजे तथा पार्टी के उप महासचिव टी. टी. वी. दिनाकरन को पार्टी से निष्कासित किए जाने के संदर्भ में यह बात कही।
तमिलनाडु के वित्तमंत्री डी. जयकुमार ने मंगलवार रात घोषणा की कि पार्टी नेताओं ने शशिकला, दिनाकरन और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को पार्टी से निष्कासित किए जाने का फैसला किया है। जयकुमार ने कहा कि पार्टी के संचालन के लिए एक समिति गठित की जाएगी। एआईएडीएमके प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद पिछले वर्ष दिसंबर में पार्टी की महासचिव चुनी गईं शशिकला इस समय भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं।
बुधवार को ही इससे पहले पार्टी से निष्कासित किए गए दिनाकरन ने कहा कि चूंकि सभी ने उन्हें पार्टी से बाहर करने का फैसला किया है, इसलिए वह भी पार्टी से दूर ही रहना चाहेंगे। पन्नीरसेल्वम ने कहा, “न्याय की यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जबतक अंतिम लक्ष्य हासिल नहीं कर लिया जाता।” उन्होंने कहा कि जयललिता के निधन के बाद पार्टी शशिकला और उनके परिवार के हाथों में चली गई, जबकि पार्टी के संस्थापक एम. जी. रामचंद्रन और उसके बाद जयललिता ने भी पार्टी को कार्यकर्ताओं के आंदोलन के रूप में खड़ा किया था।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने की गोसेवा, भवानी और भोलू को खूब दुलारा
गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी क्रम में शनिवार सुबह भी उन्होंने मंदिर की गोशाला में समय बिताया और गोसेवा की। मुख्यमंत्री ने गोवंश को गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए। गोसेवा के दौरान उन्होंने सितंबर माह में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को खूब दुलारा।
दक्षिण भारत से लाए गए गोवंश की इस जोड़ी (एक बछिया और एक बछड़ा) का नामकरण भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। उन्होंने बछिया का नाम भवानी रखा है तो बछड़े का नाम भोलू। मुख्यमंत्री जब भी गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, भवानी और भोलू का हाल जरूर जानते हैं। सीएम योगी के दुलार और स्नेह से भवानी और भोलू भी उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं। शनिवार को गोशाला में सभी गोवंश की सेवा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया। उन्हें खूब दुलार कर, उनसे बातें कर, गुड़ और चारा खिलाया। सीएम योगी के स्नेह से ये गोवंश भाव विह्वल दिख रहे थे।
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