मुख्य समाचार
शिवसेना ने लगाया मोदी विरोधी पोस्टर, पूछा- क्याे वो दिन भूल गए
मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में तनातनी चरम पर पहुंचती नजर आ रही है। ये खटास तब और चरम पर पहुंच गई जब शिवसेना एक पोस्टर लेकर आई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिवंगत बाल ठाकरे के समक्ष सिर झुकाते हुए दिखाया गया है।
शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली और गठबंधन सरकार की पहली वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर दादर स्थित शिवसेना भवन में ये होर्डिग्स लगाए गए हैं। इस तस्वीर के साथ लिखी पंक्ति कहती है, ‘क्या तुम उन दिनों को भूल गए हो, जब तुम्हारी गर्व से सधी गर्दनें दिवंगत बालासाहेब के चरणों में झुकी होती थीं।’ तस्वीरों में अन्य नेता या तो ठाकरे के सामने झुके हुए हैं, या फिर ठाकरे को गर्मजोशी के साथ बधाई दे रहे हैं। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा के दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी और राजनाथ सिंह भी शामिल हैं। इसके अलावा होर्डिग्स में वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राकांपा प्रमुख शरद पवार और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे भी हैं।
हालांकि पुलिस ने बुधवार को शिवसेना द्वारा पीएम पर तंज कसने वाले और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे को महिमा मंडित करने वाले इन होर्डिग्स हटा दिए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना और भाजपा के बीच संघर्ष को रोकने के लिए इन होर्डिग्स को हटाया है।
उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने भाजपा की तुलना में हमेशा खुद को ‘बड़ा भाई’ माना है। शिव सेना ने वर्ष 1995-99 तक पहली गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था, जिसमें भाजपा एक कनिष्ठ सहयोगी के रूप में थी। शिव सेना ने समय-समय पर भाजपा पर बैनर, पोस्टर या होर्डिग्स के जरिए हमले किए, जिसके जवाब में भाजपा ने विभिन्न आयोजनों से अपने सहयोगी शिव सेना को दूर रखा।
मोदी ने पिछले सप्ताह तीन प्रमुख अवसंरचनाओं का उद्घाटन किया, जिनके आयोजनों से शिवसेना को दूर रखा गया था। इसके बाद शिव सेना ने पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के मुंबई और पुणे में प्रस्तावित कार्यक्रम को रद्द करने के लिए मजबूर कर दिया। इसके साथ ही उसने भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट कंट्रोल बोर्डो के बीच बातचीत भी मुंबई में नहीं होने दी।
शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने हाल ही में एक पुस्तक विमोचन समारोह में वरिष्ठ पत्रकार और आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही पोत दी थी।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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