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बिजनेस

शेयर बाजार : वैश्विक बाजारों के रूझान पर रहेगी निवेशकों की नजर

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शेयर बाजार, एफपीआई, डॉलर, डीआईआई, अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार, जीडीपी

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शेयर बाजार, एफपीआई, डॉलर, डीआईआई, अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार, जीडीपी

मुंबई | आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर वैश्विक बाजारों के रूझान, आर्थिक आंकड़ों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के निवेश, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर बनी रहेगी। यदि शेयरों की बात करें तो सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों पर निवेशकों की नजर होगी।

दिसंबर के मध्य में ईंधन की कीमतों में संशोधन किया जाना है जो इस दौरान चर्चा का विषय रहेगा।  सरकारी तेल कंपनियां हर महीने के मध्य या अंत में ईधन कीमत की समीक्षा करती है। यह संशोधन एवं समीक्षा अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार के रूझान पर निर्भर करता है।

वैश्विक मोर्चे पर, अमेरिका में नवंबर माह के घरों की बिक्री के आंकड़ें 21 दिसंबर यानी बुधवार को जारी किए जाएंगे जो निवेशकों की निगाह में रहेंगे।  अमेरिका के कच्चे तेल के आंकड़ें भी बुधवार को ही जारी किए जाएंगे। अमेरिका में तीसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आकंड़ें 22 दिसंबर यानी गुरुवार को जारी होंगे।

इसी तरह अमेरिका में नए घरों की बिक्री के आंकड़ें 23 दिसंबर यानी शुक्रवार को जारी होंगे। वहीं, 23 दिसंबर यानी शुक्रवार को ब्रिटेन में तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ें भी जारी होंगे जिन पर निवेशकों की पैनी नजर रहेगी।

 

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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