Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

शेयर बाजार : संसद के शीत सत्र पर रहेगी नजर

Published

on

Loading

मुंबई। आगामी सप्ताह में विभिन्न आर्थिक आंकड़े, विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल के मूल्य पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी। बाजार के निवेशकों की निगाह आगामी सप्ताह में मुख्य रूप से संसद के शीतकालीन सत्र पर टिकी रहेगी। संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर को शुरू होने जा रहा है, जो 23 दिसंबर को समाप्त होगा। इस सत्र में आर्थिक महत्व के कई विधेयकों से संबंधित घटनाक्रमों पर निवेशकों की निगाह रहेगी। इस सत्र में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास व पुनस्र्थापना जैसे विधेयकों को पारित करने की कोशिश की जा सकती है। सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक पर भी कदम आगे बढ़ा सकती है।

सोमवार 17 नवंबर को चीन के दो शेयर बाजार स्टॉक कनेक्ट योजना की तहत जुड़ जाएंगे।  को जोड़ने की इस योजना को चीन के नियामकों ने 10 नवंबर को मंजूरी दे दी है। हांगकांग एक्सचेंजेज एंड क्लियरिंग (एचकेई) को शंघाई के शेयर बजार से जोड़ने की योजना को हांगकांग-शंघाई स्टॉक कनेक्ट कहा जा रहा है। शेयर बाजारों के जुड़ जाने से दोनों बाजारों के निवेशक दोनों ही बाजारों में सूचीबद्ध शेयरों में ट्रेड कर सकेंगे।

सोमवार 17 नवंबर को ही जापान तीसरी तिमाही के लिए अपनी विकास दर के ओकड़े जारी करेगा। इसी दिन अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व अक्टूबर महीने के लिए अमेरिका के औद्योगिक उत्पादन आंकड़े जारी करेगा।

निवेशकों की निगाह आगामी सप्ताह में कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर भी टिकी रहेगी। हाल के महीनों में तेल मूल्य में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इसी का फायदा उठाते हुए सरकार ने डीजल मूल्य को नियंत्रण मुक्त भी कर दिया है। कच्चे तेल की कीमत घटने से सरकार को चालू खाता घाटा और ईंधन महंगाई दर कम करने में मदद मिलेगी। देश को अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है।

सरकारी तेल कंपनियां रविवार 16 नवंबर को मूल्यों की समीक्षा करेंगी।

भारतीय रिजर्व बैंक दो दिसंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाला है। रिजर्व बैंक पर ब्याज दरों में कटौती करने का दबाव है, क्योंकि गत सप्ताह जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक और उपभोक्ता महंगाई दर दोनों में गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन इसके साथ ही औद्योगिक उत्पादन में हुई वृद्धि से रिजर्व बैंक सख्त मौद्रिक नीति पर बने रहने के लिए आश्वस्त रह सकता है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

By

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending