प्रादेशिक
श्रीनगर में अलगाववादियों का मार्च रोकने के लिए प्रतिबंध
श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर में उत्तरी कश्मीर के सोपोर कस्बे में पिछले दिनों एक पूर्व आतंकवादी की हुई हत्या के खिलाफ अलगवादियों की ओर से शुक्रवार को आहूत मार्च को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि श्रीनगर के खानयार, रैनावारी, नौहट्टा, एम.आर. गंज, सफा कदाल, परिमपोरा तथा मैसुमा इलाके में एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू रहेगी।
अधिकारी ने बताया, “ऐसे ही प्रतिबंध सोपोर कस्बे में भी लागू किए गए हैं।
प्रशासन ने सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक, मुहम्मद यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मुहम्मद नयीम खान सहित सभी वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं को एहतियातन नजरबंद कर रखा है।
गिलानी और फारूक को उनके घरों में नजरबंद किया गया है, जबकि मलिक तथा अन्य को पुलिस स्टेशनों में रखा गया है।
पुलिस तथा केंद्रीय आरक्षी पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को संवेदनशील इलाकों, खासकर श्रीनगर के पुराने शहर में तैनात किया गया है। प्रशासन ने सोपोर कस्बे में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगा रखे हैं।
अलगाववादियों ने छह जून से अब तक कई पूर्व आतंकवादियों की हत्या के खिलाफ मार्च का आह्वान किया है। सोपोर में अलगाववादी नेता गिलानी के करीबी समझे जाने वाले चार पूर्व आतंकवादियों की हत्या की गई है।
इन हत्याओं के बाद पूर्व आतंकवादियों में डर बैठ गया है और इस वजह से वे कश्मीर घाटी में कहीं सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं।
सोपोर में विगत दिनों की इन हत्याओं के कारण तनाव की स्थिति है। दुकानें अक्सर निर्धारित समय से पहले ही बंद हो जाती हैं।
अलगाववादियों के शुक्रवार को आहूत मार्च को देखते हुए यहां दुकानें, सार्वजनिक परिवहन, व्यावसायिक एवं शैक्षणिक प्रतिष्ठान श्रीनगर शहर में बंद हैं। सड़कों पर कुछ निजी गाड़ियां ही चल रही हैं।
सरकारी कार्यालयों, बैंकों, डाकघरों में हालांकि नियमित रूप से कामकाज हो रहा है, लेकिन सार्वजनिक वाहन उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां उपस्थिति कम है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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