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प्रादेशिक

श्रीनगर में अलगाववादियों की रैली रोकने के लिए निषेधाज्ञा

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श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर में सोमवार को कई स्थानों पर निषेधाज्ञा लगा दी गई है और अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया है, ताकि घाटी में अलगाववादियों को रैली निकालने से रोका जा सके। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “श्रीनगर में रैनावारी, खानयार, नौहट्टा, एम. आर. गंज, साफा कदल और मैसुमा में आज (सोमवार) कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए निधेषाज्ञा लगा दी गई है।”

पुलिस अधिकारी ने बताया, “ये निधेषाज्ञा विशुद्ध रूप से एहतियातन हैं और इससे आम लोगों की गतिविधियों और ऑफिस जाने वालों, मरीजों और छात्रों को किसी तरह की मुश्किल पेश नहीं आएगी।”
वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक, मुहम्मद यासीन मलिक, शब्बीर शाह एवं नईम खान को उनके ही घरों में नजरबंद कर दिया गया है, ताकि उन्हें रैली में शामिल होने से रोका जा सके।

यह रैली 1931 में डोगरा महाराज हरि सिंह के शासनकाल के दौरान श्रीनगर केंद्रीय कारागार में आज ही के दिन पुलिस की गोलीबार में मारे गए 22 कश्मीरी नागरिकों की याद में आयोजित की गई है।जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पुराना शहर के नक्शबंद साहिब इलाके में कड़ी सुरक्षा और निषेधाज्ञा के बीच मारे गए लोगों की कब्रगाह पर जाकर उनके लिए ‘फातेहा’ पढ़ा और फूल चढ़ाए।

वहीं, श्रीनगर में इस सिलसिले में सोमवार को आयोजित आधिकारिक कार्यक्रम को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच तकरार की स्थिति बन गई है।सईद के नेतृत्व वाली पीडीपी 1931 की पुलिस गोलीबारी में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा देती है, क्योंकि उनका मानना है कि राजा हरि सिंह के निरंकुश शासन के खिलाफ संघर्ष में उन लोगों ने बलिदान दिया था।

उधर, भाजपा जम्मू एवं कश्मीर में डोगरा महाराज के शासन को बेहतरीन शासनकाल के रूप में देखती है।भाजपा के राज्य इकाई के उपाध्यक्ष रमेश अरोड़ा ने कहा कि 1931 में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए लोगों ने राज्य के एक सच्चे शासक के खिलाफ विद्रोह किया था।भाजपा के नेताओं ने सोमवार को आयोजित 1931 में मारे गए लोगों की स्मृति में आयोजित किसी भी समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।

IANS News

सीएम योगी ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, यूपी में टैक्स फ्री हुई फिल्म

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बहुचर्चित फ़िल्म ‘ द साबरमती रिपोर्ट’ देखी। फिल्म देखने के बाद सीएम योगी ने कहा कि मैं “द साबरमती रिपोर्ट” की पूरी टीम को बधाई देता हूं जिन्होंने इस वास्तविक सच को देश की जनता के सामने फिल्म के माध्यम से बाहर लाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि हर भारतवासी को “द साबरमती रिपोर्ट” फिल्म को देखनी चाहिए और गोधरा का सच के नजदीक जाने का प्रयास करना चाहिए। सीएम योगी ने फिल्म को उत्तर प्रदेश में टैक्स फ्री करने की घोषणा की।

सीएम योगी ने कहा देश के खिलाफ और सरकारों के खिलाफ राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के लिए समाज में वैमनस्यता पैदा करने के लिए देश में जो कृत्य हुए हैं उसे देश की जनता को जानने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं उन चेहरों को पहचानने के साथ-साथ उनका पर्दाफाश करने की भी आवश्यकता है। सीएम योगी ने कहा कि फिल्म की टीम ने सत्य उजाकर करने के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। फिल्म के माध्यम से वास्तविक सच को एक बड़े रूप में देश के सामने लाने का प्रयास किया गया है।

सीएम योगी ने कहा कि मामला अयोध्या से जुड़ा है, मैं घटना में मारे गए सभी राम भक्तों को श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के साहसिक कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए लोग इस सत्य को अधिक से अधिक देखें। सीएम योगी राज्य सरकार की ओर से ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा की।

इसके पहले सीएम योगी ने लखनऊ के प्लासियो मॉल के सिनेमाहॉल के ऑडी-07 में पूर्वाह्न 11:30 बजे के शो में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महापौर सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सहित अनेक अनेक जनप्रतिनिधियों और शासन-प्रशासन के अधिकारियों के साथ फ़िल्म देखी। खास मौके पर फ़िल्म के मुख्य अभिनेता विक्रांत मैसी और फ़िल्म यूनिट से जुड़े लोगों की मौजूदगी रही। इससे पहले, बीते मंगलवार को विक्रांत मैसी ने सीएम योगी से भेंट की थी।

बता दें कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ एक सत्य घटना पर आधारित एक बॉलीवुड ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन रंजन चांडेल द्वारा किया गया है। फिल्म में विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा लीड रोल में हैं। यह फिल्म साल 2002 में हुई साबरमती एक्सप्रेस की दिल दहला देने वाली घटना से प्रेरित है। एकता कपूर इस फिल्म की निर्माता है। 15 नवंबर को रिलीज हुई इस फिल्म की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी तारीफ की है।

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