Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

संबंधों की नई परिभाषा गढऩे पीएम मोदी जाएंगे ‘लंकेश के देश’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार और शुक्रवार को ‘लंकेश यानी रावण के देश’ श्रीलंका में होंगे। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी।

मोदी संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त 14वें अंतर्राष्ट्रीय वेसक दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे। वेसक दिवस भगवान बुद्ध के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के निमंत्रण पर श्रीलंका जा रहे हैं। मार्च 2015 के बाद प्रधानमंत्री के रूप में मोदी का श्रीलंका का यह दूसरा दौरा होगा।

प्रधानमंत्री के श्रीलंका दौरे के बारे में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजय पांडा (हिंद महासागर क्षेत्र) ने कहा कि श्रीलंका में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय वेसक दिवस मनाया जा रहा है।

पांडा ने कहा, “प्रधानमंत्री के इस दौरे का थीम समाज कल्याण और विश्व शांति के लिए बुद्ध के संदेश है।” उन्होंने बताया कि श्रीलंका में वेसक दिवस समारोह के लिए विभिन्न देशों से धार्मिक एवं राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित किया गया है, खासकर बौद्ध परंपरा वाले देशों से।

पांडा ने कहा, “वेसक दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री का यह दौरा काफी अहम है, क्योंकि यह हमारे देश में सदियों से चली आ रही बौद्ध परंपरा का परिचायक होगा।”

वेसक दिवस समारोह के तहत प्रधानमंत्री मोदी कोलंबो स्थित गंगारमाया मंदिर में दीप प्रज्‍जवलित करेंगे। गंगारमाया मंदिर श्रीलंका के सर्वाधिक महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।

इस दौरे में मोदी कैंडी मंदिर भी जाएंगे, जहां श्रीलंका के सर्वाधिक महत्वपूर्ण बौद्ध अवशेष, भगवान बुद्ध का एक दांत रखा हुआ है। इस मंदिर की छत सोने की है।

प्रधानमंत्री मोदी पाल्लेकेले में श्रीलंकन अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अकादमी में कांड्यान नृत्य संकाय की आधारशिला रखेंगे। यह कांड्यान नृत्य संकाय भारतीय मदद से निर्मित होगा।

मोदी मध्य पहाड़ी जिले में भारत द्वारा वित्त पोषित एक 150 बिस्तरों वाले मल्टी स्पेशियलटी अस्पताल का उद्घाटन करेंगे। यह भारतीय मूल के तमिल चाय बागान श्रमिकों का इलाका है।

पांडा ने कहा, “यह अस्पताल 2005 से चली आ रही हमारी विकास में सहयोग परियोजना का हिस्सा है, जिसके तहत श्रीलंका को 2.6 अरब डॉलर की सहयोग राशि देने का वादा किया गया है। इसमें से 45 करोड़ डॉलर अनुदान दिया जा चुका है।”

उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वेसक दिवस समारोह के तहत भारत के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रेत शिल्पकार सुदर्शन पटनायक श्रीलंका की संसद के नजदीक विशेष वेसक क्षेत्र में भगवान बुद्ध की विश्व की सबसे बड़ी रेत प्रतिमा का निर्माण करेंगे।

पांडा ने कहा, “भारत इस अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बुद्ध फिल्म महोत्सव में भी हिस्सा ले रहा है, जिसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय वेसक समारोह से इतर होगा।”

हालांकि कोई द्विपक्षीय वार्ता निर्धारित नहीं है, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने इससे भारत-श्रीलंका संबंधों को गति मिलने की बात कही है।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे पिछले महीने भारत दौरे पर आए थे।

मुख्य समाचार

‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

Continue Reading

Trending