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संबंधों में तल्खी का असर, जेटली नहीं जाएंगे पाकिस्तान

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कश्मीनर पर पाकिस्ताोन के ओछे रूख, भारत, पाकिस्ताहन, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा, वित्त मंत्री अरुण जेटली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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कश्मीनर पर पाकिस्ताोन के ओछे रूख, भारत, पाकिस्ताहन, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा, वित्त मंत्री अरुण जेटली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

narendra modi arun jaitley

पीएम मोदी ने पाकिस्‍तान को दिया सख्त संदेश

नई दिल्‍ली। कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान के ओछे रूख व भारत में पाकिस्‍तान द्वारा आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के कारण अब भारत-पाक संबंधों में तल्‍खी के स्‍वर विश्‍व मंच पर सुनाई देने लगे हैं। इसकी पहली बानगी तब देखने को मिली जब भारत ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से बता दिया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली साउथ एशियन असोसिएशन फोर रीजनल कोऑपरेशन (सार्क) के वित्त मंत्रियों की इस्लामाबाद में आयोजित आठवीं मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। यह बैठक इसी हफ्ते गुरुवार से शुरू होने वाली है। इस दो दिवसीय मीटिंग में जेटली की गैरमौजूदगी में सेक्रटरी ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स शक्तिकांत दास इंडियन डेलिगेशन का नेतृत्व करेंगे।

इस मीटिंग में जेटली के शामिल होने पर पहले से ही पर्याप्त अटकले थीं। दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर जारी तनाव का असर इस फैसले में देखा जा सकता है। भारत ने पाकिस्तान को लेकर अपना रुख कड़ा कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पाकिस्तान को बलूचिस्तान के मुद्दे पर घेरने के बाद संबंधों में और कड़वाहट आई है।

हाल ही में भारतीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि पाकिस्तान जाना नरक में जाने के समान है। ऐसे में अरुण जेटली की यात्रा रद्द होना कोई हैरान करने वाला फैसला नहीं है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने अपने हिस्से के कश्मीर में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए बलूचिस्तान के मुद्दे को जानबूझकर उछाला है।

हाल ही में भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस्लामाबाद सार्क देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने गए थे। राजनाथ सिंह की पाकिस्तान यात्रा काफी कड़वाहट भरी रही थी। उनकी स्पीच का मीडिया कवरेज नहीं होने दिया । राजनाथ सिंह पाकिस्तान की तरफ से आयोजित लंच में शरीक हुए बिना भारत लौट आए थे। भारतीय ससंद ने राजनाथ सिंह के साथ हुए सलूक पर गहरी आपत्ति जताई थी।

पाकिस्तान ने जेटली की यात्रा को लेकर कहा था कि वह सभी मेहमानों का गर्मजोशी के साथ स्वागत करेगा। जेटली को पाकिस्तान नहीं भेजने के भारत फैसले को कई तरह से देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि इसी साल नवंबर महीने में पाकिस्तान में सार्क समिट प्रस्तावित है। इसमें सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। भारत के कड़े रुख को देखते हुए कहा जा रहा है प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी भी इस यात्रा को टाल सकते हैं और किसी जूनियर को वहां भेज सकते हैं।

दूसरी तरफ बांग्लादेश ने भी अपने वित्त मंत्री अबुल माल ए मुहित को इस मीटिंग में नहीं भेजने का फैसला किया है। मुहित ने बांग्लादेश की संसद में इसी साल फरवरी महीने में पाकिस्तान के धूर्त राष्ट्र कहा था। इस मीटिंग में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व वित्त राज्य मंत्री एम.ए. मन्नान करेंगे। इससे पहले बांग्लादेश ने अपने गृहमंत्री को भी पाकिस्तान नहीं भेजा था।

सार्क वित्त मंत्रियों की इस बैठक में सार्क देशों के बीच व्यापार और वित्तीय निवेश बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में खास कर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट पर बात की जाएगी। सार्क देशों के वित्त मंत्रियों की सातवीं बैठक में जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी उसकी भी समीक्षा की जाएगी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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