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अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र महासचिव चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत हो : भारत

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संयुक्त राष्ट्र | बड़ी वैश्विक चुनौतियों के बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद का चुनाव जहां अगले वर्ष आयोजित होने वाला है, वहीं भारत ने बान की-मून के उत्तराधिकारी का चयन सार्वजनिक तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत कराने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक कुमार मुखर्जी ने चुनाव प्रक्रिया में सुधार पर विचार करते हुए एक समिति को बताया कि सुरक्षा परिषद को महासभा में एक नहीं बल्कि कई उम्मीदवार पेश करने चाहिए और महासभा उस उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत से चुने। अब तक के हुए चुनावों में सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार रखने वाले पांच स्थायी सदस्य किसी उम्मीदवार पर सहमति जताते हैं और फिर महासभा उम्मीदवार के पक्ष या विपक्ष में वोट करता है। वहीं व्यावहारिक रूप में संयुक्त राष्ट्र के अन्य सदस्यों के पास वास्तव में कोई विकल्प नहीं होता और महासभा सामान्य रूप से स्थायी सदस्यों द्वारा समर्थन प्राप्त उम्मीदवार का चुनाव करती है।

1946 में महासभा के प्रस्ताव में ‘वांछित’ रूप से इस प्रक्रिया की अनुशंसा की गई थी, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। मुखर्जी ने कहा कि इस प्रस्ताव में संशोधन होना चाहिए और उन तथ्यों को शामिल करना चाहिए जो उन्होंने पेश किए हैं। मुखर्जी ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र विश्वसनीयता और प्रदर्शन दोनों के लिहाज से गंभीर परीक्षा का सामना कर रहा है। बान के उत्तराधिकारी के चुनाव ने हमें संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था के हित में और विशेषकर महासभा की प्राथमिकता के लिए महासचिव के मौजूदा चयन प्रक्रिया में सुधार और बदलाव का अवसर दिया है।” भारत के लिए आगामी चुनावी अपने अभियान को आगे बढ़ाने का अवसर है, जो कि सुरक्षा परिषद में केंद्रित शक्तियों के विरोध से संबंधित है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार की आवश्यक योग्यता के बारे निष्पक्ष रूप से उल्लेख करना चाहिए और इसमें उद्देश्य तथा चार्टर के सिद्धांत से संबंधित प्रतिबद्धता, विशाल नेतृत्व, प्रशासन तथा कूटनीतिक अनुभव भी शामिल होने चाहिए। मुखर्जी ने कहा कि इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय स्तर पर परिवर्तन तथा लैंगिक समानता की भी बात शामिल की जाए।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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