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संसद का शीतकालीन सत्र समय से शुरू होगा : अरुण जेटली
नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)| वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रतिपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए बुधवार को यह साफ किया कि संसद का शीतकालीन सत्र नियमित सत्र रहेगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथियों के बीच संसद का सत्र आरंभ नहीं होगा। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जेटली ने पत्रकारों को बताया, संसद का शीतकालीन सत्र होगा और यह नियमित सत्र होगा। हम यह सुनिश्चित करने जा रहे हैं कि शीतकालीन सत्र नियमित होगा और गुजराज चुनाव की तिथियों के साथ नहीं होगा।
जेटली प्रतिपक्ष के आरोप को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। प्रतिपक्ष की ओर से कहा गया था कि सरकार गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए 9 और 14 दिसंबर को होने वाले मतदान के पहले बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, वस्तु एवं सेवा कर और भाजपा प्रमुख अमित शाह के बेटे जय शाह के खिलाफ आरोपों को लेकर बहस से बचने की कोशिश कर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा, लोकतंत्र में जब चुनाव होते हैं तो राजनीतिक दल जनता से सीधा संवाद करते हैं। चुनाव और संसद का सत्र आमतौर पर एक साथ नहीं चलते हैं। यह परंपरा अतीत से ही चली आ रही है। यहां तक कि शीतकालीन सत्र भी लंबित हुए हैं, सत्र में रद्दोबदल किया गया है और टुकड़ों में सत्र का संचालन हुआ है।
पूर्व में आम चुनावों के दौरान तो बजट भी विलंब से पास हुआ है। संसद इसलिए स्थगित कर दी गई ताकि राजनीतिक दल चुनावों में हिस्सा ले सकें।
यह पूछे जाने पर कि क्या शीतकालीन सत्र 2018 की जनवरी तक चलेगा और एक नये सत्र के रूप में इसका संचालन होगा, जेटली ने कहा, यह पहले ही तय हो चुका है कि जब शीतकाली सत्र शुरू होता है तो इसका संचालन जनवरी तक चलता है। यह इस साल कोई पहला सत्र नहीं होगा।
जेटली की यह टिप्पणी इस कयास के बीच आया है कि संसद का शीतकालीन सत्र गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए 14 दिसंबर को अंतिम चरण के मतदान के बाद ही शुरू होगा।
संसद सत्र की तिथियों का फैसला गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय कार्य मामले की केंद्रीय मंत्रिमंडल की समिति की ओर से लिया जाएगा। इसकी घोषणा राष्ट्रपति की ओर से उनको भेजे गए ऋणशोधनक्षमता व दिवालियापन संहिता संशोधन अध्यादेश पर स्वीकृति मिलने के बाद हो सकती है।
आमतौर पर अध्यादेश की घोषणा तब होती है जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है और सत्र बुलाया भी नहीं जाता है।
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बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप
बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।
हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।
कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज
इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।
वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।
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