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संसद की कार्यवाही में बाधा अस्वीकार्य : राष्ट्रपति

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प्रणब मुखर्जी

नई दिल्ली  | संसद में जारी गतिरोध पर अप्रसन्नता जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि ‘संसद की कार्यवाही में बाधा पूरी तरह अस्वीकार्य’ है। राष्ट्रपति ने यहां ‘मजबूत लोकतंत्र के लिए सुधार’ पर डिफेंस एस्टेट लेक्चर 2016 में कहा कि बार-बार चुनाव कराना महंगा सौदा है और (संसद में हंगामे का) जो चलन चल गया है, उसे दूर करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि वह एक साथ लोकसभा व विधानसभा चुनाव कराने का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, “मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि देश में चुनाव सुधारों की जरूरत है। हमें पहले सार्वजकि तौर पर बहस करनी चाहिए और फिर सुधारों को अंजाम देना चाहिए।” राष्ट्रपति ने कहा, “लोकतंत्र की कीमत चुकाने के लिए हम तैयार हैं, लेकिन यह विकास की कीमत पर नहीं होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि देश को लोकसभा तथा विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने के लिए एक रास्ता ढूंढना चाहिए।

उन्होंने कहा, “जनता अपना प्रतिनिधि संसद में काम करने के लिए भेजती है, न कि हंगामा करने के लिए। “उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि संसदीय कामकाज में बाधा डालना चलन सा हो गया है। उन्होंने सांसदों से कहा, “अपना काम कीजिए।” राष्ट्रपति ने कहा, “धरना किसी और जगह दिया जा सकता है।” उन्होंने सांसदों से सदन में लोक महत्व के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि वह किसी खास पार्टी की आलोचना नहीं कर रहे हैं, लेकिन संबंधित सभी पक्षों को संसद की कार्यवाही सुचारू तरीके से चलाने के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा, “मैंने देश से सोच-समझकर मतदान करने का आग्रह किया था, जिसके लिए कुछ राजनीतिक हलकों में मेरी आलोचना भी हो चुकी है।”

उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों से अपने संगठन में महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने की अपील की। राष्ट्रपति ने कहा, “महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने की दिशा में राजनीतिक पार्टियां कुछ खास जतन नहीं कर रही हैं।”अपने व्याख्यान को समाप्त करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने लिखित भाषण नहीं पढ़ा, बल्कि ‘खुल कर’ बात रखी है।

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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