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सपा के संग्राम पर विरोधी दल बोले, अखिलेश चार दिन के मेहमान

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Keshav prasad mauryaलखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां सत्तारूढ़ कुनबे में बिखराव जारी है, वहीं दूसरी तरफ विरोधी पार्टियां समाजवादी पार्टी (सपा) में छिड़े संग्राम पर अलग-अलग राग अलाप रही हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) व कांग्रेस ने एक सुर में हमला बोला है। किसी ने इसे फैमिली ड्रामा करार दिया है तो किसी ने अखिलेश सरकार को चार दिन का मेहमान बताया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, प्रदेश में संवैधानिक संकट है। अखिलेश सरकार अल्पमत में पहुंच गई है। उसे बहुमत साबित करना चाहिए। चार मंत्री के बर्खास्त होने से समस्या का हल नहीं होगा, अखिलेश सरकार को जनता बर्खास्त करेगी।

मौर्य ने कहा कि चाचा-भतीजे की जंग में पूरा प्रदेश फंसता जा रहा है। विधायक अखिलेश के पास हैं या शिवपाल के पक्ष में। इसका परीक्षण सदन में ही हो सकता है। सत्ता का दुरुपयोग कर हजारों-लोखों करोड़ जनधन की लूट-खसोट चार साल तक प्रदेश में होती रही तो मुख्यमंत्री चुप क्यों रहे। उन्होंने कहा कि सारी लड़ाई लूट के पैसे के बंटावारे की है। बहुमत साबित न होने तक अहम निर्णयों पर रोक लगनी चाहिए। सरकार और सपा के झगड़े के कारण संवैधानिक संकट पैदा हो गया है।

इधर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चाचा-भतीजे की लड़ाई विकास के बजाय विनाश की ओर ले जा रही है। यह सरकार तीन-चार दिन में बर्खास्त हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अब अपने अस्तित्व की समाप्ति की ओर है। सपा का कहीं नाम भी नहीं रह गया है। सपा सरकार में वर्तमान झगड़ा लूट के पैसे के बंटवारे को लेकर हो रहा है, जिसमें प्रदेश पिस रहा है। मिश्रा ने कहा, विकास की सारी योजनाएं सैफई और इनके परिवार की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बनी हैं, एक्सप्रेस-वे को देखिए जो इनके क्षेत्रों से होकर गुजर रही है, सैफई में हवाइअड्डा इंहीं के परिवार की सुविधाओं के लिए बना है, और सैफई में ही पांच-छह सौ करोड़ रुपये की लागत से हर साल सैफई महोत्सव मनाया जाता है।

इस बीच, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह सपा का अंदरूनी मामला है। इसका जनता से कोई लेनादेना नहीं है। कांग्रेस के ही प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि सपा सरकार की विदाई तय है। यह परिवार का ड्रामा है। असल मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए सपा नाटक कर रही है।

रविवार को सुबह से ही उप्र का सियासी घटनाक्रम पल-पल बदलता रहा। मुख्यमंत्री अखिलेश ने सुबह शिवपाल सहित चार बड़े मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया। मुख्यमंत्री के इस कदम के बाद सक्रिय हुए मुलायम सिंह ने गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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