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सबसे ज्यादा रोजगार देता है हथकरघा

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सबसे ज्यादा रोजगार, हथकरघा बुनकर, भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत, परंपरा

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जैकब अब्राहम
हथकरघा वस्त्र और हथकरघा बुनकर भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत और परंपरा का एक अभिन्न अंग है। इसके अलावा, सकल घरेलू उत्पाद और निर्यात में एक महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ साथ मनुष्य की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए यह उद्योग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मुहैया कराता है। भारत में कृषि के बाद हथकरघा सबसे बड़े रोजगार प्रदाताओं में से एक है। यह क्षेत्र 43.31 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है, जिसमें से करीब 23.77 लाख व्यक्ति हथकरघा से जुड़े हैं, जिसमें से 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 18 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 45 प्रतिशत अन्य पिछड़ें वर्गो से हैं।

वर्ष 2013-14 में हथकरघा क्षेत्र में 7116 मिलियन वर्ग मीटर उत्पादन दर्ज किया गया। वर्ष 2014-15 के दौरान हथकरघा क्षेत्र में कुल 3547 मिलियन वर्ग मीटर (अप्रैल-सितंबर, 2014) का उत्पादन दर्ज किया गया। ये क्षेत्र देश के वस्त्र उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत का योगदान करता है और देश की निर्यात आय में भी सहयोग करता है। दुनिया में हाथ से बुने हुए कपड़े का 95 प्रतिशत भारत से आता है। इस कौशल को एक पीढ़ी से दूसरी को हस्तांतरित करके बनाए रखा गया है। इस क्षेत्र की क्षमता, इसकी विशिष्टता, उत्पादन के लचीलेपन, नवाचारों के लिए खुलापन आपूर्तिकर्ताओं की आवश्यकताओं के लिए अनुकूलनशीलता और इसकी परंपरा की संपदा में निहित है।

हालांकि, हथकरघा उद्योग को तेजी से बढ़ते आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी परिवर्तनों के द्वारा उत्पन्न की जा रही चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वयं को नई दिशा देने की आवश्यकता है। समकालीन उपभोक्ता संदर्भो के अनुसार, दोषमुक्त उच्च गुणवत्ता वाले हथकरघा वस्त्रों के उत्पादन के साथ-साथ उचित मजदूरी को सुनिश्चित करने प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि युवा पीढ़ी इस व्यवसाय को चुनें। स्थायी आधार पर इस उद्योग को प्रोत्साहन देने के मद्देनजर यह भी अत्यंत आवश्यक है कि उपभोक्ताओं के विश्वास को जीतने के लिए नए डिजाइन के साथ गुणवत्तायुक्त कपड़ों का उत्पादन किया जाए।

केंद्र सरकार ने इसकी पहल भी की है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्नई में भारत हथकरघा ब्रांड का शुभारंभ कर चुके हैं। अब इसके व्यापक नतीजे आना बाकी है। खास बात यह कि ‘भारत हथकरघा ब्रांड’ कच्चे माल, प्रसंस्करण, अलंकरण, बुनकर डिजाइन और अन्य मानदंडों के अलावा उपभोक्ताओं के विश्वास को हासिल करने के लिए सामाजिक और पर्यावरण के अनुकूल हथकरघा उत्पादों की गुणवत्ता की पुष्टि करते हैं। इनकी विशेषता उच्च गुणवत्ता, दोषमुक्त, हाथ से बुने हुए, प्रामाणिक ‘उत्तम किस्म’ के उत्पादों का उत्पादन, प्रामाणिक पारंपरिक डिजाइन आदि है।

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SSC GD Constable भर्ती के एप्लिकेशन फॉर्म में सुधार करने के लिए मिला मौका, जानें कब तक कर सकेंगे सुधार

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नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग यानी SSC की ओर से मंगलवार 5 नवंबर को कॉन्स्टेबल (जनरल ड्यूटी) भर्ती 2025 की परीक्षा के फॉर्म में करेक्शन के लिए विंडो को ओपन कर दिया है। जो भी उम्मीदवार अपने फॉर्म में कोई भी बदलाव करना चाहते हैं कि वह एसएससी की आधिकारिक वेबसाइट (ssc.gov.in) पर जाकर इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। आइए जानते हैं आवेदन फॉर्म में सुधार करने की पूरी प्रक्रिया हमारी इस खबर में।

वैकेंसी डिटेल

बीएसएफ: 15654 पद
सीआईएसएफ: 7145 पद
सीआरपीएफ: 11541 पद
एसएसबी: 819 पद
आईटीबीपी: 3017 पद
एआर: 1248 पद
एसएसएफ: 35 पद
एनसीबी: 22 पद

करेक्शन की आखिरी तारीख?

कर्मचारी चयन आयोग ने जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा है कि SSC GD Constable भर्ती के एप्लिकेशन फॉर्म में सुधार की सुविधा 05.11.2024 से 07.11.2024 तक उपलब्ध कराई जाएगी। जिन अभ्यर्थियों को फॉर्म में सुधार करना है वे ‘विंडो फॉर एप्लीकेशन फॉर्म करेक्शन’ सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। SSC ने ये भी कहा है कि आखिरी तारीख के बाद काई भी अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा संभवतः जनवरी-फरवरी 2025 में आयोजित की जाएगी।

 

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