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सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री में नया मोड़, सुप्रीम कोर्ट जाएगा हेमराज का परिवार

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नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि-हेमराज मर्डर मामले में नया मोड़ आ गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले में आरुषि के पिता राजेश और मां नूपुर तलवार की रिहाई के बाद हेमराज का परिवार अब न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।

हेमराज के परिवार ने सीबीआई पर जांच में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके साथ न्याय नहीं किया गया। हेमराज की पत्नी खुमकला का कहना है कि भले ही उनके पास दिल्ली आने-जाने के पैसे न हों लेकिन वह अपने पति को न्याय दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगी।

मरहूम हेमराज की पत्नी खुमकला के भाई अशोक कुमार ने बताया है कि तलवार दंपति के बरी हो जाने के बाद क्या सीबीआई की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? बता दें कि अशोक कुमार पेश से इलेक्ट्रिशन हैं और परिवार की मदद के लिए इराक की अपनी नौकरी छोड़ घर लौट चुके हैं।

बता दें कि इस हत्याकांड में इलाहबाद हाईकोर्ट ने 12 अक्टूबर को दिए अपने फैसले में सुबूतों के अभाव में तलवार दंपति को बरी कर दिया था। तब कोर्ट ने निचली अदालत के जज को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा था कि न्यायाधीश ने इस मामले में सबूत और परिस्थिति को हल्के में लिया और इसे किसी गणित के शिक्षक या फिल्म निर्देशक की तरह सुलझाने की कोशिश की, और माता-पिता राजेश एवं नुपूर तलवार को दोषी ठहराने के लिए सबूत और तथ्यों का मूल्यांकन कर अपनी कल्पना को ठोस आकार देने की कोशिश की।

गौरतलब है कि डॉ. तलवार की बेटी आरुषि की हत्या 15 एवं 16 मई 2008 की दरम्यानी रात नोएडा के सेक्टर 25 स्थित घर में ही कर दी गई थी। घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज का शव भी पाया गया था। इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने राजेश और नूपुर तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच एक जून को सीबीआई को सौंप दी गई थी।

सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से तलवार दंपति जेल में बंद रहे लेकिन 12 अक्टूबर को आए फैसले के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

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मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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